भुलाए नही भूलती, कमाल अमरोही और मीना कुमारी की ये प्रेम कहानी
बॉलीवुड में बेहतरीन निर्देशकों की बात होते ही कमाल अमरोही का नाम अपने आप याद आता है। सिर्फ 5 फिल्मों का ही निर्देशन करने के बावजूद वे सिनेमा जगत में अपना नाम अमर कर गए। और न केवल निर्देशक, बल्कि बेहतरीन गीतकार, पठकथा, संवाद लेखक और निर्माता के रूप में भी कमाल अमरोही ने खुद को साबित किया। इसके अलावा जिस वजह से वे हमेशा चर्चा में रहे, वो वजह थी उनके और मीना कुमारी का प्रेम प्रसंग।
कमाल अमरोही और मीना कुमारी की मुलाक़ात फिल्म तमाशा की फिल्मिंग के दौरान हुई थी। उस वक़्त के मशहूर अभिनेता अशोक कुमार ने दोनों की मुलाकात कराई थी। इसके बाद कमाल अमरोही ने मीना कुमारी को फिल्म अनारकली के लिए साइन किया। इस दौरान एक हादसे में चोट लगने से मीना कुमारी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इस दौरान कमाल उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे। हाल चाल पूछने के दौरान मीना कुमारी की छोटी बहन ने कमाल को बताया कि आपा मौसम्बी का जूस नहीं पी रहीं हैं। इसके बाद कमाल अमरोही के अनुग्रह पर मीना कुमारी ने एक झटके में जूस पी लिया। इसके बाद वे हर हफ्ते घायल मीना कुमारी को देखने मुंबई से पुणे आने लगे।
फिल्म ‘अनारकली’ के प्रोड्यूसर और कमाल के बीच मतभेद के चलते फिल्म बेशक पूरी नहीं बन पाई, लेकिन इस दौरान मीना कुमार और कमाल अमरोही ज़रूर करीब आ गए। दोनों रोजाना एक दूसरे को खत लिखने लगे। हालाँकि, कमाल अमरोही की पुरानी ज़िन्दगी की वजह से ये नज़दीकियां मीना कुमारी के पिता को ख़ास राज़ नहीं आई। लेकिन इससे उन दोनों के प्रेम में कोई बाधा नहीं आई। दुर्घटना के बाद से मीना कुमारी रोज़ाना अपनी बहन के साथ वॉर्डन रोड पर स्थित एक मसाज क्लिनिक पर जाया करती थी। यहाँ भी उनके पिता दोनों को कार से छोड़ने जाते थे और 2 घंटे बाद लेने आते थे।
14 फरवरी, 1952 को जब मीना कुमारी के पिता ने दोनों को क्लिनिक पर छोड़ा, तो उनके जाते ही दोनों बहनें सीधे कमाल अमरोही के पास जा पहुंचीं। वहां कमाल अमरोही ने काजी समेत सबकुछ पहले से तैयार किया हुआ था। दोनों ने पहले सुन्नी रवायत से और फिर शिया रवायत से निकाह क़ुबूला। निकाह के 12 साल बाद, 1964 में मीना कुमारी और कमाल अमरोही अलग हो गए। इसके बाद फरवरी 1972 में रिलीज़ हुई ‘पाकीजा’ दोनों की जोड़ी की अंतिम यादगार बनी। इस फिल्म ने दोनों को हिंदी सिनेमा में अमर कर दिया।