Uighur मुसलमानों के खिलाफ चल रहे नरसंहार का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र फोरम में उठा

Uighur मुसलमानों के खिलाफ चल रहे नरसंहार और उत्पीड़न के मुद्दे को उठाया। घेयूर कुर्बान ने उइगर मुस्लिम समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने रखा

विश्व Uighur कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) के बर्लिन निदेशक घेयूर कुर्बान ने 17वें संयुक्त राष्ट्र फोरम के सत्र में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने चीनी सरकार द्वारा पूर्वी तुर्किस्तान में Uighur मुसलमानों के खिलाफ चल रहे नरसंहार और उत्पीड़न के मुद्दे को उठाया। घेयूर कुर्बान ने उइगर मुस्लिम समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने रखा, जो चीनी सरकार द्वारा किए जा रहे दमन और मानवाधिकार उल्लंघनों का हिस्सा हैं।

चीनी सरकार पर आरोप

घेयूर कुर्बान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि चीनी सरकार Uighur मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर नरसंहार और उत्पीड़न कर रही है, जिसमें उइगर लोगों को बंदी शिविरों में रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन शिविरों में 30 लाख से अधिक उइगर लोगों को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से मानवाधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन है। इन शिविरों में नागरिकों को अमानवीय स्थितियों में रखा जाता है, जहां उन्हें उनके धार्मिक विश्वासों, सांस्कृतिक पहचान और भाषा से वंचित किया जाता है।

चीनी प्रतिनिधियों का विरोध

जैसे ही घेयूर कुर्बान ने Uighur मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में अपने विचार साझा किए, चीनी प्रतिनिधियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने डब्ल्यूयूसी पर अलगाववादी संगठन होने का झूठा आरोप लगाया और इस सत्र को बाधित करने का प्रयास किया। साथ ही, चीनी प्रतिनिधियों ने डब्ल्यूयूसी को चुप कराने की मांग की, लेकिन घेयूर कुर्बान ने इन धमकियों के बावजूद अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उइगर लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चुप रहना किसी भी सूरत में सही नहीं है और उन्हें दुनिया के सामने उजागर किया जाना चाहिए।

Uighur मुसलमानों पर अत्याचार

घेयूर कुर्बान ने उइगर मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अन्य अत्याचारों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे चीनी सरकार ने उइगर समुदाय के धार्मिक विश्वासों पर कड़ी पाबंदियां लगाई हैं, जिसमें मस्जिदों को नष्ट करना, उइगर भाषी स्कूलों को बंद करना और उइगर महिलाओं को उनकी पहचान छीनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके अलावा, उइगरों को अपने बच्चों से मिलने की अनुमति नहीं दी जाती, और उनका परिवारों से संपर्क पूरी तरह से कट जाता है।

विश्व समुदाय से अपील

घेयूर कुर्बान ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि उइगर मुसलमानों के खिलाफ चल रहे अत्याचारों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र को चीनी सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और उइगर मुसलमानों की मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

GAZA पर इजरायल के हमले तेज, एयरस्ट्राइक में मारे गए 14 लोग

संयुक्त राष्ट्र फोरम में उठाए गए इस महत्वपूर्ण मुद्दे ने दुनिया को एक बार फिर से उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में जागरूक किया। चाहे चीनी प्रतिनिधियों द्वारा उत्पीड़न का विरोध किया गया हो, लेकिन घेयूर कुर्बान ने दृढ़ता से अपनी आवाज उठाई, जिससे यह मामला वैश्विक स्तर पर और भी महत्वपूर्ण हो गया।

Related Articles

Back to top button