Farmer Protest अपडेट्स: नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात हुआ बहाल

Farmer के आंदोलन ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का ध्यान आकर्षित किया। सोमवार को आंदोलनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ते हुए

Farmer के आंदोलन ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का ध्यान आकर्षित किया। सोमवार को आंदोलनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ते हुए अपनी दिल्ली चलो रैली शुरू की। इससे यातायात और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर बड़ा प्रभाव पड़ा।

Farmer ने उठाई अपनी मांगें

प्रदर्शनकारी किसान विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

  • उनकी प्रमुख मांगें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि कानूनों में संशोधन, और कर्ज माफी हैं।
  • किसानों ने कहा कि वे अपनी समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार से सार्थक बातचीत चाहते हैं।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

  • तीन-स्तरीय सुरक्षा योजना: दिल्ली की सीमाओं पर 5000 पुलिस कर्मी और 1000 पीएससी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) कर्मियों की तैनाती की गई है।
  • आपातकालीन सेवाएं: पानी की बौछार करने वाले वाहन, टीजीएस स्क्वॉड, और अग्निशमन दल की तैनाती की गई है।
  • सीमा पर बैरिकेडिंग: शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर बहुस्तरीय बैरिकेड्स लगाए गए थे, जहां किसान डेरा डाले हुए हैं।

यातायात पर असर

प्रदर्शन के कारण नोएडा एक्सप्रेसवे और दिल्ली में प्रवेश करने वाले अन्य मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ।

  • वाहनों को घंटों लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा।
  • पुलिस ने ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की।
  • किसानों के हटने के बाद नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात बहाल कर दिया गया।

पुरानी मांगों का समाधान नहीं

शंभू और खनौरी सीमा पर किसान /Farmer फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं।

  • पिछली बार फरवरी में जब किसानों की रैली को रोका गया था, तब केंद्र सरकार के साथ बातचीत हुई थी।
  • हालांकि, यह बातचीत बेनतीजा रही, और किसानों ने आंदोलन जारी रखा।
  • किसानों ने सरकार से ठोस समाधान की मांग की है।

केंद्र सरकार का रुख

अब तक केंद्र सरकार ने किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की है, लेकिन कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई।

  • सरकार ने किसानों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है।
  • साथ ही, उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

आंदोलन की आगे की दिशा

किसानों/Farmer ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे।

  • अब आंदोलनकारियों की रणनीति और सरकार के साथ बातचीत की स्थिति पर नजर रहेगी।
  • दिल्ली में प्रवेश को रोकने के लिए सुरक्षा और प्रशासन की योजनाओं को और मजबूत किया जा सकता है।

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नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात बहाल होने के बावजूद किसानों का आंदोलन यह दर्शाता है कि उनकी समस्याओं का समाधान अब तक नहीं निकला है। सरकार और किसानों के बीच संवाद और सहयोग की आवश्यकता है ताकि इस गतिरोध को सुलझाया जा सके।

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