Gadkari ने सुनाया मजेदार किस्सा :जब मेरा पैर 4 जगह से टूटा, तो अक्ल आई ठिकाने”
Gadkari ने कहा, "हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की जान चली जाती है। 20 साल से कम उम्र के लगभग 10 हजार बच्चों की मौत होती है।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन Gadkari ने सड़क सुरक्षा पर अपने विचार साझा किए। Gadkari ने कहा, “हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की जान चली जाती है। 20 साल से कम उम्र के लगभग 10 हजार बच्चों की मौत होती है। हेलमेट न लगाने के कारण 54 हजार जानें चली जाती हैं।” यह आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारतीय समाज में कितना बड़ा संकट है। गडकरी ने यह भी बताया कि देश में यूपी में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनकी मुख्य वजह ओवर स्पीडिंग (तेज गति से गाड़ी चलाना) है।
Gadkari ने सड़क सुरक्षा की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक राष्ट्रीय संकट नहीं है, बल्कि यह हर परिवार के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यही था कि हम सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हों और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। गडकरी के अनुसार, तेज़ गति से गाड़ी चलाने और नियमों की अनदेखी के कारण अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
Gadkari का व्यक्तिगत अनुभव और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता
Gadkari ने कार्यक्रम में अपनी व्यक्तिगत घटना का भी जिक्र किया, जिससे उन्हें सड़क सुरक्षा के महत्व का एहसास हुआ। उन्होंने बताया, “जब मैं महाराष्ट्र की राजनीति में था, तब एक रोड एक्सिडेंट में मेरा पैर चार जगह से टूट गया। उस घटना ने मुझे मेरी लापरवाही का एहसास दिलाया। तब से मैं रोड सेफ्टी को लेकर बहुत सजग रहता हूं और यातायात के सारे नियमों का पालन करता हूं।” गडकरी के इस व्यक्तिगत अनुभव ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को यह समझने में मदद की कि सड़क सुरक्षा केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।
Gadkari ने यह स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा में सुधार लाने के लिए सरकार न केवल कठोर कानून बना रही है, बल्कि लोगों में जागरूकता भी फैला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ई-गुरुकुल जैसी पहलें युवाओं को सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में शिक्षित कर रही हैं, ताकि भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके।
सड़क सुरक्षा के लिए सरकारी कदम और भविष्य की योजनाएँ
Gadkari ने बताया कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार लगातार सुधार की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार, सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण, और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराना है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि सड़क पर सुरक्षा के लिए सिर्फ सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की भूमिका अहम है।
इसके साथ ही गडकरी ने यह भी कहा कि भारत में अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण हेलमेट का न पहनना और सीट बेल्ट का न लगाना है। उन्होंने बताया कि हेलमेट न पहनने के कारण हर साल हजारों मौतें होती हैं, और इस पर सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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केंद्रीय मंत्री नितिन Gadkari ने सड़क सुरक्षा पर अपने विचार रखते हुए यह स्पष्ट किया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जागरूकता और कानून दोनों की आवश्यकता है। उनका व्यक्तिगत अनुभव यह साबित करता है कि सड़क सुरक्षा केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि एक जीवन-निर्माण के लिए जरूरी पहल है। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि हर नागरिक को सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि हम एक सुरक्षित और दुर्घटना-मुक्त समाज की ओर बढ़ सकें।