Bihar : मिथलेश ने शुरू की राम मंदिर तक पैदल यात्रा
Bihar वैशाली जिले के पुरैना थाना क्षेत्र के आपत्तीपुरा गांव के निवासी मिथलेश राम ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के दर्शन करने के लिए एक पैदल यात्रा शुरू की है।
Bihar वैशाली जिले के पुरैना थाना क्षेत्र के आपत्तीपुरा गांव के निवासी मिथलेश राम ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के दर्शन करने के लिए एक पैदल यात्रा शुरू की है। यह यात्रा उन्होंने 15 नवंबर 2024 को बिहार के सारण जिले के सोनपुर स्थित पहलेजा घाट से शुरू की। यात्रा में मिथलेश ने अपने माथे पर कलश रखा है, जो उनकी आस्था और संकल्प का प्रतीक है। उनका यह संकल्प माता दुर्गा से जुड़ा हुआ है, जिसे उन्होंने कठिन परिस्थितियों में पुणे और मुंबई में बीमार होने के दौरान लिया था। मिथलेश ने यह प्रण लिया था कि यदि वह स्वस्थ हो जाते हैं, तो वे राम मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या तक पैदल यात्रा करेंगे।
Bihar पिछला अनुभव और सम्मान
Bihar , मिथलेश की यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह उनकी शारीरिक और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक भी है। इससे पहले, नवरात्रि के दौरान उन्होंने पुणे से मुंबई तक 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी की थी। इस यात्रा में मुंबईवासियों ने उन्हें विशेष सम्मान दिया था, जो उनके कठिन संघर्ष और आस्था का प्रतीक था। इस प्रकार की यात्रा से मिथलेश ने यह साबित किया है कि आस्था और संकल्प से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती, जो किसी भी कठिनाई को पार करने की ताकत देती है।
यात्रा का मार्ग और यात्रा में आने वाली चुनौतियां
Bihar , मिथलेश की यह यात्रा पहलेजा घाट से शुरू होकर बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए अयोध्या तक पहुंचेगी। उनका मार्ग सिवान, पटना, गोपालगंज, कुशीनगर और देवरिया से होकर अयोध्या जाएगा। इस लंबी यात्रा में मिथलेश को शारीरिक रूप से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उनका आत्मविश्वास और संकल्प मजबूत है। उन्हें अपनी यात्रा को सफल बनाने के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार से सुरक्षा और सहयोग की अपील की है।
आध्यात्मिक और सामाजिक पहलू
मिथलेश की इस यात्रा को न केवल एक धार्मिक यात्रा के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह समाज में आस्था, धैर्य और संकल्प की महत्वपूर्ण मिसाल भी प्रस्तुत करती है। इस यात्रा के माध्यम से मिथलेश ने यह साबित कर दिया है कि कठिनाइयाँ चाहे जैसी भी हों, यदि मन में दृढ़ संकल्प और आस्था हो तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यात्रा अन्य लोगों को भी प्रेरित करती है कि वे अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार रहें और हर परिस्थिति का सामना हिम्मत और साहस से करें।
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Bihar , मिथलेश राम की पैदल यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह उनके संघर्ष, आस्था और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है। वे अयोध्या तक की यात्रा को अपनी कठिनाइयों और आस्था के साथ पूरा करने के लिए तत्पर हैं, और इसके साथ ही वे दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि अपने सपनों और लक्ष्यों के प्रति संकल्पित रहें।