Aditya Yadav ने कुंदरकी उपचुनाव में लगाए गंभीर आरोप: पुलिस और प्रशासन पर भेदभाव के आरोप

Aditya यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक विशेष जाति और धर्म के लोगों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है।

कुंदरकी उपचुनाव को लेकर बदायूं सांसद Aditya यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक विशेष जाति और धर्म के लोगों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उनका दावा है कि सपा के कार्यकर्ताओं के घर जाकर पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है, और कुछ खास वोटरों की वोटर आईडी चेक की जा रही हैं। सांसद आदित्य यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासन और पुलिस चुनाव में निष्पक्षता नहीं बरत रहे हैं और यह पूरी तरह से एकतरफा चुनावी प्रक्रिया की ओर इशारा करता है।

पुलिस और प्रशासन पर आरोप

बदायूं से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद Aditya यादव ने हाल ही में कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए पुलिस और प्रशासन एक विशेष वर्ग के लोगों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस सपा के कार्यकर्ताओं के घर जाकर पूछताछ कर रही है, और उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही है।

साथ ही Aditya यादव ने यह भी दावा किया कि एक जाति और धर्म के वोटरों की वोटर आईडी चेक की जा रही है और उनकी सूची तैयार की जा रही है। इस कार्रवाई से सपा समर्थक और अन्य वर्ग के लोग भयभीत हैं, और चुनाव को लेकर उनके मन में संदेह उत्पन्न हो रहा है। यह आरोप बेहद गंभीर है क्योंकि इससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल उठते हैं।

चुनाव आयोग से शिकायत

सपा सांसद Aditya यादव ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले की शिकायत की है। उनका आरोप था कि कुंदरकी में हो रहे चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते, क्योंकि पुलिस एक विशेष प्रत्याशी के पक्ष में काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि एक जाति और संप्रदाय के लोगों की विशेष निगरानी की जा रही है और यदि कोई व्यक्ति सपा के पक्ष में सभा या बैठक आयोजित करता है, तो उसकी जानकारी पुलिस को दी जाती है और उनके घर तक पहुंचने की कोशिश की जाती है।

Aditya यादव ने इस संबंध में चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की और यह भी कहा कि सभी पोलिंग बूथों पर सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए ताकि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में अधिकारियों की तैनाती भी जातीय और धर्मीय आधार पर की जा रही है, जो कि भेदभाव को जन्म देती है और चुनाव प्रक्रिया में पक्षपाती दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है।

भेदभाव और आरोपों का असर

Aditya यादव के आरोपों का असर न केवल कुंदरकी उपचुनाव पर, बल्कि प्रदेश की राजनीति और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी पड़ सकता है। यदि इन आरोपों की जांच की जाती है और सही साबित होते हैं, तो यह पूरे चुनावी तंत्र पर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है। चुनावों में किसी भी प्रकार का भेदभाव लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ होता है और इससे मतदाताओं का विश्वास भी डगमगा सकता है।

इसके अलावा, आदित्य यादव के आरोपों के बाद राजनीतिक दलों में भी चर्चा तेज हो गई है। सपा और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन चुनावी फायदे के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस विभाग से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।

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कुंदरकी उपचुनाव को लेकर Aditya यादव के आरोप चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल उठाते हैं। यदि इन आरोपों की सही तरीके से जांच नहीं की जाती, तो यह चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। सांसद आदित्य यादव की मांग है कि सभी पोलिंग बूथों पर निगरानी कैमरे लगाए जाएं और चुनाव में भेदभाव करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। चुनाव आयोग को इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना होगा, ताकि मतदाताओं का विश्वास बना रहे और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो सके।

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