UP मंत्री के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ की ठगी, साइबर ठगों ने भेजा फर्जी संदेश

UP के एक मंत्री के अकाउंटेंट से साइबर ठगों ने 2.08 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इस घोटाले में ठगों ने मंत्री के बेटे का फोटो वॉट्सऐप डीपी पर लगाकर और फर्जी संदेश भेजकर अकाउंटेंट को धोखा दिया

UP के एक मंत्री के अकाउंटेंट से साइबर ठगों ने 2.08 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इस घोटाले में ठगों ने मंत्री के बेटे का फोटो वॉट्सऐप डीपी पर लगाकर और फर्जी संदेश भेजकर अकाउंटेंट को धोखा दिया। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और इस साइबर अपराध के आरोपी ठगों की पहचान करने के लिए टीमें गठित कर दी हैं।

साइबर ठगों की चालाकी

यह घटना UP के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव के साथ हुई। दो दिन पहले साइबर ठगों ने मंत्री के बेटे की फोटो उनके वॉट्सऐप प्रोफाइल पर लगा दी। इसके बाद, उसी वॉट्सऐप नंबर से रितेश श्रीवास्तव के मोबाइल पर एक संदेश आया, जिसमें लिखा था, “मैं जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। यह मेरा नया नंबर है, तुरंत रुपये भेजो। मीटिंग अभी काफी देर तक चलेगी, मुझे कुछ रुपये की तत्काल जरूरत है।” संदेश में यह भी कहा गया कि रितेश को तीन अलग-अलग बैंक खातों के नंबर भेजे गए और उनसे यह अनुरोध किया गया कि वह इन खातों में तुरंत रुपये ट्रांसफर कर दें।

UP ठगों का नया तरीका: फर्जी नंबर और फर्जी संदेश

साइबर ठगों ने इस ठगी को अंजाम देने के लिए बहुत ही शातिर तरीका अपनाया। उन्होंने मंत्री के बेटे का फोटो वॉट्सऐप डीपी पर लगाकर इस तरह का भ्रम फैलाया कि मंत्री खुद रितेश से संपर्क कर रहे हैं। इसके बाद, रितेश श्रीवास्तव ने बिना कोई शक किए ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए।

रितेश ने पहले तो सोचा कि यह वाकई मंत्री का ही संदेश है, और वह उनकी मदद कर रहे हैं। इस प्रकार, बिना किसी पुष्टि के उसने 2.08 करोड़ रुपये की बड़ी रकम साइबर ठगों के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दी।

पुलिस ने शुरू की जांच

साइबर ठगी की इस बड़ी घटना के बाद, रितेश श्रीवास्तव ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ठगों की पहचान करने के लिए विभिन्न टीमें गठित की हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे वॉट्सऐप संदेश के विवरण और बैंक ट्रांजेक्शन्स की जांच कर रहे हैं, ताकि आरोपी तक पहुंचा जा सके।

इसके साथ ही, पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या यह ठगी अकेले रितेश श्रीवास्तव तक सीमित थी, या फिर ठगों ने अन्य लोगों को भी निशाना बनाया है। साइबर अपराधियों के नेटवर्क की पहचान करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

साइबर ठगी से बचने के उपाय

UP इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि साइबर ठग अब अधिक चालाक और शातिर हो गए हैं। अब वे किसी भी व्यक्ति का नाम, तस्वीर, या अन्य जानकारी का इस्तेमाल करके उन्हें धोखा देने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए, निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  1. संदेश की सत्यता की जांच करें: अगर किसी जानकार व्यक्ति से असामान्य या अत्यधिक अनुरोध आ रहा हो, तो तुरंत कॉल या अन्य माध्यम से पुष्टि करें।
  2. नए नंबर से आए संदेश पर शक करें: अगर किसी ने नया नंबर लिया है और तुरंत पैसे की मांग की है, तो इस पर संदेह करें।
  3. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी भी स्थिति में अपनी बैंक जानकारी, पिन, पासवर्ड या अन्य व्यक्तिगत जानकारी न दें।
  4. तत्काल पुलिस से संपर्क करें: अगर आपको संदेह हो कि आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और रिपोर्ट दर्ज कराएं।

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UP के मंत्री के अकाउंटेंट से हुई 2.08 करोड़ रुपये की साइबर ठगी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि साइबर ठग कितने शातिर हो सकते हैं। उन्होंने पूरी तरह से भ्रम पैदा करने के लिए मंत्री के बेटे की तस्वीर का इस्तेमाल किया और फर्जी संदेश भेजकर बड़ी रकम हड़प ली। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और आशा की जा रही है कि जल्द ही ठगों को पकड़ लिया जाएगा। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमें हमेशा ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए।

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