Delhi में बुजुर्ग से 10 करोड़ की ठगी, साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर किया शिकार

Delhi के रोहिणी में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की जिंदगी भर की कमाई साइबर अपराधियों के हाथों में चली गई। अपराधियों ने बुजुर्ग को "डिजिटल अरेस्ट" करके, उन्हें ताइवान से आए प्रतिबंधित पार्सल के बहाने ठगा।

Delhi के रोहिणी में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की जिंदगी भर की कमाई साइबर अपराधियों के हाथों में चली गई। अपराधियों ने बुजुर्ग को “डिजिटल अरेस्ट” करके, उन्हें ताइवान से आए प्रतिबंधित पार्सल के बहाने ठगा। यह एक चौंकाने वाला मामला है, जहां साइबर ठगों ने बुजुर्ग से 10 करोड़ 30 लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने फिलहाल 60 लाख रुपये की रकम फ्रीज कर दी है, जबकि अपराधी बाकी पैसे लेकर फरार हो गए हैं।

Delhi  : ठगों का सायबर धोखाधड़ी का तरीका

पिछले सप्ताह, Delhi के रोहिणी निवासी एक रिटायर्ड इंजीनियर को एक अज्ञात कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और बुजुर्ग से कहा कि उनके नाम पर ताइवान से प्रतिबंधित दवाएं भेजी गई हैं। ठगों ने बुजुर्ग को डराया और कहा कि वह इस मामले में फंस सकते हैं। इससे बुजुर्ग घबराए और उनकी बातों में आकर उन्होंने अगले कुछ घंटों में अपनी सभी बैंक जानकारी उन्हें दे दी। ठगों ने यह भी कहा कि मामले से बचने के लिए उन्हें पैसे ट्रांसफर करने होंगे।

पीड़ित को 8 घंटे तक रखा दबाव में

Delhi साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग को लगभग आठ घंटे तक वीडियो कॉल के जरिए दबाव में रखा। उन्होंने लगातार उसे यह डर दिखाया कि अगर वह सहयोग नहीं करता, तो उसके परिवार के सदस्य भी इस मामले में फंस सकते हैं। यह एक मानसिक दबाव बनाने की सायबर ठगों की चाल थी। इस दौरान, उन्होंने बुजुर्ग से 1000 से अधिक अलग-अलग अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर करवा लिए, जिससे कुल 10 करोड़ 30 लाख रुपये ठग लिए गए।

ठगों का नया तरीका – डिजिटल अरेस्ट

Delhi साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग को यह विश्वास दिलाया कि वह ‘डिजिटल अरेस्ट’ के तहत गिरफ्तार हो सकते हैं और इसके बचने के लिए उसे पैसे ट्रांसफर करने होंगे। इस नई तकनीक का इस्तेमाल ठगों ने एक पूरी सायबर धोखाधड़ी की योजना के तहत किया था, जिसमें बुजुर्ग को पूरी तरह से मानसिक रूप से कमजोर और हताश कर दिया गया। उन्होंने बुजुर्ग के बैंक खातों से पूरा पैसा ट्रांसफर करवा लिया।

पुलिस ने किया एक्शन, 60 लाख रुपये फ्रीज

बुजुर्ग को जब अंत में एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं, तो उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 60 लाख रुपये की रकम को फ्रीज कर दिया, लेकिन बाकी रकम का कोई पता नहीं चल पाया। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और साइबर ठगों की पहचान के लिए कई संभावनाओं पर काम कर रही है।

साइबर ठगी से बचने के उपाय

इस तरह की साइबर ठगी से बचने के लिए, विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी अज्ञात कॉल पर विश्वास न करें। अगर आपको किसी भी मामले में शक हो तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। साथ ही, अपनी बैंक जानकारी और पिन को हमेशा गोपनीय रखें। साइबर सुरक्षा के लिहाज से ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है।

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यह घटना Delhi में बढ़ते साइबर अपराधों को उजागर करती है, जहां ठग तकनीकी उपायों का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे घोटालों से बचा जा सके। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है, लेकिन यह घटना एक बड़ा चेतावनी संकेत है कि हमें साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

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