Maharashtra-गुजरात में ईडी की बड़ी छापेमारी, 125 करोड़ के अवैध लेन-देन का खुलासा

Maharashtra और गुजरात में चुनावी फंडिंग और अवैध लेन-देन के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को 23 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।

Maharashtra और गुजरात में चुनावी फंडिंग और अवैध लेन-देन के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को 23 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान करीब 125 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ है। ईडी के अनुसार, यह कार्रवाई ‘वोट के बदले नोट’ के खेल और चुनावी फंडिंग के लिए होने वाले अवैध लेन-देन को लेकर की गई थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और नकदी भी बरामद की गई।

ईडी की कार्रवाई: 23 ठिकानों पर छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय ने Maharashtra और गुजरात के विभिन्न शहरों में 23 स्थानों पर एक साथ छापे मारे। यह छापेमारी उन व्यक्तियों और कंपनियों के ठिकानों पर की गई जो कथित तौर पर चुनावी फंडिंग और वोट जिहाद के लिए अवैध तरीके से धन जुटा रहे थे। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने वित्तीय दस्तावेज, संपत्ति की जानकारी, और कई संदिग्ध लेन-देन से संबंधित दस्तावेज़ जब्त किए हैं।

ईडी के अधिकारियों ने यह दावा किया है कि ये छापे Maharashtra और गुजरात में चल रहे चुनावी अभियान के बीच में किए गए हैं, जहां चुनावी पैसे का अवैध लेन-देन हो रहा था। इन फंड्स का उपयोग कथित तौर पर वोटरों को प्रभावित करने, राजनीतिक उम्मीदवारों को पैसा देने, और चुनावी प्रक्रिया को विकृत करने के लिए किया जा रहा था।

125 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का खुलासा

ईडी के अनुसार, इस छापेमारी में 125 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ है। इस लेन-देन के संबंध में जांच एजेंसी ने बताया कि यह राशि विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों के जरिए अवैध तरीके से इकट्ठा की गई थी और चुनावी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। इन पैसों का उपयोग चुनावी अभियानों को फंडिंग देने, वोटरों को लुभाने और राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था।

ईडी का कहना है कि इन लेन-देन से संबंधित कई खातों का भी पता चला है, जिनका इस्तेमाल चुनावी अभियानों के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के लिए किया गया। एजेंसी ने इन मामलों में विस्तृत जांच शुरू कर दी है और भविष्य में कई अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

वोट जिहाद और अवैध चुनावी फंडिंग का आरोप

यह कार्रवाई खासतौर पर ‘वोट जिहाद’ और अवैध चुनावी फंडिंग के आरोपों को लेकर की गई है। आरोप है कि कुछ समूहों ने धार्मिक या साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काकर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की थी। इसके अलावा, कुछ नेताओं और पार्टियों पर आरोप है कि उन्होंने इस अवैध धन का इस्तेमाल चुनावी प्रभाव बढ़ाने के लिए किया।

ईडी ने इन आरोपों की गंभीरता को समझते हुए पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

पार्टी और नेताओं के बीच चर्चा

Maharashtra ईडी की इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई पर अपनी चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि यह कदम सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को दबाने के लिए उठाया गया है। वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार और चुनावी धांधली को रोकने की दिशा में एक सख्त कदम बताया है।

हालांकि, यह देखना बाकी है कि इन छापों से चुनावी राजनीति में क्या असर पड़ता है और क्या इसके बाद बड़े राजनीतिक नेताओं के खिलाफ भी कोई कार्रवाई होती है।

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प्रवर्तन निदेशालय की इस ताबड़तोड़ छापेमारी ने चुनावी भ्रष्टाचार और अवैध फंडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 125 करोड़ रुपये के लेन-देन के खुलासे ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। ईडी अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि इस मुद्दे पर और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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