Japan संसद ने शिगेरू इशिबा को फिर से चुना प्रधानमंत्री, चुनाव में हार के बावजूद मिली सत्ता

Japan की संसद ने शिगेरू इशिबा को एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री चुना है, हालांकि उन्होंने हाल ही में हुए चुनाव में हार का सामना किया था।

Japan शिगेरू इशिबा की वापसी

Japan की संसद ने शिगेरू इशिबा को एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री चुना है, हालांकि उन्होंने हाल ही में हुए चुनाव में हार का सामना किया था। इशिबा, जो कि लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के प्रमुख हैं, को संसद द्वारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें पार्टी और उनके सहयोगी दल कोमीटो द्वारा समर्थन प्राप्त है, बावजूद इसके कि उनकी पार्टी अक्टूबर में हुए चुनाव में निचले सदन में बहुमत खो चुकी थी।

Japan चुनाव में हार, फिर भी सत्ता में वापसी

Japan ,इशिबा की पार्टी, एलडीपी, और उनके सहयोगी दल कोमीटो ने अक्टूबर 2024 में हुए आम चुनाव में निचले सदन में बहुमत खो दिया था। इस चुनाव में इशिबा की पार्टी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा और वे विपक्ष के नेताओं से पीछे रह गए थे। हालांकि, इसके बावजूद शिगेरू इशिबा को संसद द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में फिर से चुन लिया गया, यह एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम था।

रनऑफ चुनाव में जीत

जब Japan संसद ने प्रधानमंत्री के लिए मतदान किया, तो इशिबा के प्रमुख विपक्षी नेता, योशिहिको नोडा को 221 वोट मिले, जबकि इशिबा ने उन्हें 160 वोटों से शिकस्त दी। यह रनऑफ चुनाव काफी रोचक था, क्योंकि इसे देश की राजनीति में एक नई दिशा के रूप में देखा गया। इस चुनावी परिणाम ने यह साबित किया कि शिगेरू इशिबा को पार्टी और संसद के अंदर गहरी स्थिति और समर्थन प्राप्त है, जो उनकी हार के बावजूद उनकी राजनीतिक ताकत को रेखांकित करता है।

एलडीपी और कोमीटो का गठबंधन

Japan की एलडीपी और उसके सहयोगी दल कोमीटो ने मिलकर निचले सदन में बहुमत खोने के बावजूद इशिबा को सत्ता में बनाए रखने का फैसला किया। यह गठबंधन एक मजबूत राजनीतिक शक्ति के रूप में काम कर रहा है, जिससे इशिबा को संसद में अपने समर्थकों से मदद मिलती है। एलडीपी और कोमीटो का साथ ही यह संकेत देता है कि पार्टी के भीतर इशिबा का प्रभाव और नेतृत्व मजबूत है, और वे प्रधानमंत्री बनने के काबिल माने जाते हैं।

अगले कदम: क्या बदलाव आएंगे?

इशिबा की सत्ता में वापसी के बाद अब यह देखना होगा कि वे जापान की राजनीतिक दिशा में क्या बदलाव लाते हैं। चुनाव में हारने के बावजूद उनकी सत्ता में वापसी यह दर्शाती है कि उनकी पार्टी और संसद में उनका समर्थन मजबूत है। हालांकि, आगामी समय में उन्हें न केवल आंतरिक पार्टी के मुद्दों, बल्कि वैश्विक राजनीति में जापान की भूमिका को लेकर भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

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शिगेरू इशिबा का फिर से प्रधानमंत्री चुना जाना जापान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह घटनाक्रम दिखाता है कि चुनावी परिणामों के बावजूद, इशिबा की पार्टी और संसद में उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत है। अब यह सवाल उठता है कि वे अपने नेतृत्व के दौरान जापान को किस दिशा में ले जाएंगे।

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