Justice संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायधीश
Justice संजीव खन्ना ने 11 नवंबर 2024 को शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में शपथ दिलाई।
Justice ,नई शपथ और समारोह
भारत के 51वें मुख्य न्यायधीश (CJI) के रूप में Justice संजीव खन्ना ने 11 नवंबर 2024 को शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में शपथ दिलाई। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ-साथ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने समारोह को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। Justice खन्ना की शपथ ग्रहण के साथ ही उन्होंने भारत के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा है।
Justice खन्ना के ऐतिहासिक फैसले
Justice संजीव खन्ना ने अपनी न्यायिक यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों में अहम भूमिका निभाई है। इनमें प्रमुख हैं:
- ईवीएम की विश्वसनीयता बनाए रखना:
Justice खन्ना ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिससे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के उपयोग की वैधता को बरकरार रखा गया। - चुनावी बांड योजना को खारिज करना:
चुनावी बांड योजना, जो भारतीय चुनावों में राजनीतिक दलों को वित्तीय योगदान देने के लिए एक विवादास्पद विधि के रूप में सामने आई थी, जस्टिस खन्ना की बेंच ने उसे खारिज कर दिया था। इस फैसले ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की। - अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण के फैसले को बरकरार रखना:
जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद-370 की निरस्ति के फैसले को जस्टिस खन्ना ने समर्थन दिया। इस फैसले ने संविधान के विभिन्न पहलुओं को चुनौती दी और भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव को जन्म दिया। - अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना:
Justice खन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक महत्वपूर्ण अंतरिम जमानत प्रदान की, जिससे उनके चुनावी प्रचार पर न्यायिक हस्तक्षेप का मार्ग प्रशस्त हुआ।
Source : Sansad TV
तीस हजारी कोर्ट से CJI तक का सफर
Justice संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था। वे न्यायिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे थे। जस्टिस खन्ना ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की और फिर कानून की डिग्री हासिल करने के बाद अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से की। उनके न्यायिक करियर में लगातार उन्नति हुई और अंततः वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में महत्वपूर्ण फैसले दिए। उनका यह सफर कोर्ट में उनके उच्च मानक और कड़ी मेहनत का प्रमाण है।
सीजेआई के पद पर कार्यकाल
Justice संजीव खन्ना ने 18 जनवरी 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। उनके नेतृत्व में न्यायिक मामलों की त्वरित और निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद की जाती है। वे 13 मई 2025 तक भारत के मुख्य न्यायधीश के पद पर कार्य करेंगे। उनके कार्यकाल में न्यायपालिका को और अधिक मजबूती मिलने की संभावना है।
इसके अलावा, जस्टिस खन्ना वर्तमान में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं। इन जिम्मेदारियों के साथ वे न्यायिक क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
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Justice संजीव खन्ना की नियुक्ति भारत के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनके व्यापक अनुभव, न्यायिक कौशल और महत्वपूर्ण फैसलों ने उन्हें एक सशक्त और समर्पित न्यायधीश के रूप में स्थापित किया है। उनके नेतृत्व में भारतीय न्यायपालिका के और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है, जो न्याय की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।