Share Market में गिरावट, दो दिन की तेजी का सिलसिला टूटा
Share बाजार में गुरुवार को गिरावट देखी गई, जो दो दिन की तेजी के बाद आई। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई
भारतीय Share बाजार में गिरावट, दो दिन की तेजी का सिलसिला टूटा
निवेशकों में चिंता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व का निर्णय
भारतीय Share बाजार में गुरुवार को गिरावट देखी गई, जो दो दिन की तेजी के बाद आई। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में संभावित वृद्धि से जुड़ी अनिश्चितताएं थीं। इसके अलावा, विदेशी फंडों की निरंतर निकासी और वैश्विक आर्थिक तनावों ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
शुरुआत में ही बीएसई सेंसेक्स 237.93 अंक गिरकर 80,140.20 पर आ गया। इसी तरह, एनएसई निफ्टी भी 109.1 अंक गिरकर 24,374.95 पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में आई इस गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया, और बाजार में मुनाफा वसूली का दबाव देखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की निकासी और वैश्विक संकटों ने बाजार को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
गिरावट वाले प्रमुख शेयर
30 Share वाले सेंसेक्स पैक में कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। इनमें बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, अदानी पोर्ट्स और नेस्ले जैसे शेयर प्रमुख रूप से गिरे। इन कंपनियों के Share में गिरावट के कारण सेंसेक्स पर भारी दबाव पड़ा।
सकारात्मक प्रदर्शन करने वाली कंपनियां
हालांकि, कुछ कंपनियों ने इस गिरावट के बीच सकारात्मक प्रदर्शन किया। टाटा स्टील ने सितंबर 2024 तिमाही के लिए 758.84 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में 1 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई। इसके अलावा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसे शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे निवेशकों को थोड़ी राहत मिली।
विदेशी फंडों की निकासी और वैश्विक अनिश्चितता
Share बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी फंडों की निरंतर निकासी और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता ने भारतीय बाजार को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया। विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से अपना पैसा निकाला, जिससे बाजार में मंदी का माहौल बना। इसके साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बदलाव की वजह से भी बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है।
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भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को आई गिरावट ने दो दिन की तेजी का सिलसिला तोड़ा। वैश्विक और घरेलू कारणों से बाजार में मुनाफा वसूली और गिरावट देखी गई। हालांकि, कुछ कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन ने कुछ राहत दी। आने वाले दिनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर फैसले के बाद बाजार की दिशा तय हो सकती है। निवेशकों को सतर्क रहते हुए बाजार की स्थिति का आकलन करना होगा।