SCBA अध्यक्ष विकास सिंह का CJI को पत्र: “हमें विरोध करने के लिए मजबूर मत करें”

SCBA) के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर SCBA के सदस्यों के जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण याचिका की सुनवाई की मांग की है।

SCBA विकास सिंह ने CJI चंद्रचूड़ को लिखा पत्र, जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ी याचिका की सुनवाई के लिए किया आग्रह

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर SCBA के सदस्यों के जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण याचिका की सुनवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उनकी याचिका को आम याचिकाओं की तरह नहीं देखा जाना चाहिए और उन्हें समान प्राथमिकता दी जाए।

‘हमसे भेदभाव किया जा रहा है, विरोध न करने की उम्मीद है’

विकास सिंह ने पत्र में कहा, “जैसा कि हमसे भेदभाव किया जा रहा है, आशा है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो कि हमें अपने अधिकारों की मांग को लेकर विरोध करना पड़े।” उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट में यह परंपरा रही है कि सूची में शामिल मामलों को प्राथमिकता दी जाती है और अन्य मामलों की सुनवाई उस दिन नहीं होती है।

चेम्बर निर्माण को लेकर लंबित मामला

विकास सिंह ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा दाखिल की गई याचिका में 1.33 एकड़ भूमि को सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के चेम्बर निर्माण के लिए आवंटित करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि यह भूमि सुप्रीम कोर्ट के बिल्कुल पास स्थित है और इसकी देरी से वकीलों के जीवनयापन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई में देरी

SCBA की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर 2022 को शहरी विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया था और सुनवाई की अगली तिथि 3 नवंबर 2022 तय की थी, लेकिन यह सुनवाई स्थगित कर दी गई। फिर मामला 21 नवंबर को सूचीबद्ध किया गया, लेकिन फिर से सुनवाई नहीं हो सकी। बाद में 9 जनवरी 2023 को मामला सुने जाने वाला था, लेकिन उस दिन भी मामला नहीं सुना गया।

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CJI चंद्रचूड़ का विकास सिंह को जवाब

विकास सिंह ने 10 जनवरी 2023 को CJI चंद्रचूड़ से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी, जिस पर CJI ने तीखा जवाब दिया था। CJI ने कहा था, “हमारे न्यायालय में जो प्रथा है, वही लागू होगी। SCBA अध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है कि वे CJI को निर्देश दें।”

यह विवाद अब और भी जटिल हो गया है, और देखना होगा कि आने वाले दिनों में SCBA और सुप्रीम कोर्ट के बीच इस मसले का समाधान कैसे निकाला जाता है।

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