UP, बुलंदशहर की लड़की ने ट्रंप की उम्मीदवार को हराया

UP गाजियाबाद की एक बेटी ने अपने परिवार का नाम रोशन किया है। गाजियाबाद की सबा हैदर ने डूपेज काउंटी बोर्ड के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रिपब्लिकन पार्टी की पैटी गुस्टिन को 8,500 वोटों के अंतर से हराकर एक शानदार जीत हासिल की है।

अमेरिका में चुनावी धूम: UP गाजियाबाद की सबा हैदर ने रचा इतिहास

इन दिनों अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की धूम मची हुई है, वहीं इस चुनावी माहौल में UP गाजियाबाद की एक बेटी ने अपने परिवार का नाम रोशन किया है। गाजियाबाद की सबा हैदर ने डूपेज काउंटी बोर्ड के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रिपब्लिकन पार्टी की पैटी गुस्टिन को 8,500 वोटों के अंतर से हराकर एक शानदार जीत हासिल की है। यह जीत उनके लिए खास है क्योंकि पिछली बार वे केवल 1,000 वोटों से हार गई थीं। अब इस जीत ने उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ा दी है।

सबा हैदर: बुलंदशहर से UP गाजियाबाद और फिर अमेरिका तक

सबा हैदर का परिवार मूल रूप से बुलंदशहर का रहने वाला है, लेकिन अब वे UP गाजियाबाद के चित्रगुप्त विहार कालोनी में रहते हैं। सबा की शिक्षा-दीक्षा UP गाजियाबाद में हुई थी, जहां उन्होंने बीएससी में टॉप किया और फिर एएमयू से एमएससी में गोल्ड मेडल हासिल किया। उसके बाद उन्होंने शादी की और अपने पति के साथ अमेरिका चली गईं, जहां उनका जीवन एक नई दिशा में मुड़ गया। उनके पति कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं।

सबा का कहना है कि राजनीति उनके खून में है। उनके परिवार के सदस्य भी हमेशा से राजनीति से जुड़े रहे हैं, और शायद इसी कारण उन्होंने अमेरिका में आकर राजनीति में कदम रखा। चुनावी मैदान में उतरने के बाद उनके दोस्तों ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया, और उनके समर्थन से ही उन्होंने यह ऐतिहासिक जीत हासिल की।

सबा हैदर के पिता का बयान

सबा हैदर के पिता अली हैदर ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आज मैं अपनी बेटी पर गर्व महसूस कर रहा हूं। वह काफी इंटेलिजेंट है और उसकी मेहनत और सभी के आशीर्वाद से उसने यह मुकाम हासिल किया है।” वे बताते हैं कि सबा ने गाजियाबाद से ही बीएससी में टॉप किया था और फिर एएमयू से एमएससी में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी की शादी कर दी, और वह अपने पति के साथ अमेरिका चली गईं।

अली हैदर ने कहा, “राजनीति हमारे परिवार में है, और जब मेरी बेटी को अमेरिका में मौका मिला, तो उसने उसे पूरा इस्तेमाल किया और चुनाव जीतने में सफल रही।”

सबा की मां का समर्थन और संघर्ष

सबा की मां चांदनी भी अपनी बेटी की जीत से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, “मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। चुनाव के दौरान मैं बराबर अपनी बेटी को सपोर्ट करती रही और उसे हिम्मत देती रही।” चांदनी ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने पूरे परिवार की हमेशा हिम्मत बढ़ाई है, ताकि वे जीवन में बड़े मुकाम हासिल करें।

चांदनी ने कहा, “मेरी बेटी अमेरिका में बहुत अकेला महसूस कर रही थी, उसने कई बार मुझे फोन करके बुलाया। लेकिन मैं अपनी आंख के ऑपरेशन के कारण वहां नहीं जा पाई। हालांकि, पिछले अमेरिकी चुनावों में मैं वहां मौजूद थी। इस बार वह बहुत मेहनत कर रही थी, यहां तक कि चुनाव के दौरान उसके पैर सुन्न पड़ गए थे।”

जीत का महत्व

सबा की यह जीत सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि गाजियाबाद और पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। एक भारतीय मूल की महिला का अमेरिका में चुनाव जीतना न केवल उसकी मेहनत का फल है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है कि भारतीय महिलाएं दुनिया के किसी भी कोने में अपने सपनों को साकार कर सकती हैं।

सबा की यह सफलता उनके परिजनों और दोस्तों के लिए एक उदाहरण बन चुकी है कि अगर आप में मेहनत, लगन और धैर्य है, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। अब उनके इस कदम से न केवल गाजियाबाद बल्कि भारत का नाम भी अमेरिका में रोशन हुआ है।

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