J&K विधानसभा में विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव, BJP का Drama

J&K विधानसभा में आज एक महत्वपूर्ण और राजनीतिक रूप से संवेदनशील प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल करने की मांग की गई।

J&K विशेष दर्जा बहाली के प्रस्ताव का पारित होना

J&K विधानसभा में आज एक महत्वपूर्ण और राजनीतिक रूप से संवेदनशील प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल करने की मांग की गई। यह प्रस्ताव, जो कि 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद आया, विधानसभा में विपक्षी दल ने पेश किया। प्रस्ताव में विशेष दर्जे की बहाली की मांग करते हुए कहा गया कि केंद्र और चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच इस मुद्दे पर संवाद होना चाहिए।

BJP विधायकों का तीव्र विरोध

जैसे ही यह प्रस्ताव विधानसभा में रखा गया, बीजेपी के विधायकों ने इसका जोरदार विरोध किया। बीजेपी विधायक विधानसभा के “वेल” (मुख्य स्थान) में पहुंच गए, नारेबाजी की और Speaker से प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की। उनका कहना था कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति एक संवैधानिक प्रक्रिया थी और इसे पलटा नहीं जा सकता। इस भारी विरोध और हंगामे के बाद, Speaker ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

सदन में हंगामे की स्थिति

विधानसभा में बीजेपी के विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पूरी तरह से बाधित हो गई। Speaker ने कई बार हंगामे को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन विपक्षी विधायकों का विरोध और बीजेपी के सदस्यों का नारेबाजी लगातार जारी रहा। अंततः Speaker ने कार्यवाही स्थगित करने का निर्णय लिया। इस घटनाक्रम ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उच्चतम स्तर की राजनीति और संवेदनशील मुद्दे की स्थिति को उजागर किया।

राजनीतिक दृष्टिकोण और असर

यह प्रस्ताव J&K के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे बिना किसी संविदानिक और विधायी प्रक्रिया के लागू करना संभव नहीं होगा। हालांकि यह प्रस्ताव जम्मू और कश्मीर में विशेष दर्जा की बहाली का रास्ता नहीं खोलेगा, लेकिन यह केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए एक राजनीतिक कदम है। विधानसभा में बहुमत से पारित हुआ यह प्रस्ताव क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक असर डाल सकता है।

‘America God Bless’: इजरायली चैनल पर ट्रंप की जीत का जश्न, एंकर ने किया चीयर्स

जम्मू और कश्मीर विधानसभा में आज के घटनाक्रम ने इस मुद्दे पर एक नई बहस छेड़ी है। बीजेपी का विरोध और विपक्षी दलों का प्रस्ताव, दोनों ही पक्षों के बीच गहरे राजनीतिक मतभेदों को उजागर करते हैं। यह घटनाएं दर्शाती हैं कि जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे के मुद्दे पर आने वाले दिनों में और अधिक गर्मागर्म बहस हो सकती है।

 

Related Articles

Back to top button