Delhi में बढ़ता प्रदूषण: 11 इलाकों में AQI 400 पार

Delhi में इस समय वायु गुणवत्ता एक गंभीर संकट के रूप में उभर रही है। सोमवार को राजधानी में लगातार छठे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।

Delhi गंभीर वायु गुणवत्ता

Delhi में इस समय वायु गुणवत्ता एक गंभीर संकट के रूप में उभर रही है। सोमवार को राजधानी में लगातार छठे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। इस दौरान, दिल्ली के 11 इलाकों में AQI 400 के पार चला गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है।

Delhi स्मॉग का प्रभाव

Delhi राजधानी के वातावरण में धुंध और स्मॉग ने लोगों की सांसों पर खतरा बढ़ा दिया है। मौसम में नमी और ठंड के चलते प्रदूषक कणों का जमाव बढ़ गया है, जिससे दृश्यता भी प्रभावित हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वर्तमान में प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है।

दृश्यता में कमी

Delhi के एयरपोर्ट पर दृश्यता 1300 मीटर तक गिर गई है, जिससे विमानों के संचालन में भी कठिनाई आ रही है। इस स्थिति के कारण उड़ानों में देरी और रद्द होने की आशंका भी बढ़ गई है। प्रदूषण का यह स्तर न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यातायात और सामान्य जीवन को भी प्रभावित कर रहा है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

बढ़ते प्रदूषण के स्तर का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। खासकर, बच्चों, वृद्धों और सांस के रोगों से ग्रसित लोगों के लिए यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे प्रदूषित वातावरण में रहने से सांस लेने में कठिनाई, खांसी, गले में खराश और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।

उपाय और सुझाव

इस संकट से निपटने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि:

  1. घर के अंदर रहना: आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें, और जब बाहर जाएं, तो मास्क पहनें।
  2. स्वस्थ आहार: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं।
  3. वायु गुणवत्ता की निगरानी: AQI की नियमित जांच करें और इसके अनुसार गतिविधियों की योजना बनाएं।

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Delhi में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, और इसके प्रति जागरूकता और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर इस स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाने होंगे। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। ऐसे में, सभी को इस दिशा में प्रयासरत रहने की आवश्यकता है।

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