Deepotsav 2024: रामचरितमानस पर आधारित भव्य झांकियों ने मोहा मन

Deepotsav 2024 का पर्व अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया। इस बार का दीपोत्सव रामचरितमानस पर आधारित भव्य झांकियों के साथ मनाया गया

Deepotsav 2024 का पर्व अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया। इस बार का दीपोत्सव रामचरितमानस पर आधारित भव्य झांकियों के साथ मनाया गया, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था, जिसमें लाखों दीपों ने अयोध्या को जगमगाया।

भव्य झांकियों का प्रदर्शन

Deepotsav के दौरान, रामचरितमानस की कहानियों को जीवंत करने के लिए अद्भुत झांकियों का निर्माण किया गया। झांकियों में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की कहानियों को दर्शाया गया, जो धार्मिक भावनाओं को जीवंत करती हैं। हर झांकी में कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसने सभी दर्शकों का मन मोह लिया।

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दीपों की रोशनी

इस वर्ष Deepotsav में लगभग 15 लाख दीप जलाए गए, जिससे अयोध्या के घाटों और गलियों में रौशनी की अद्भुत छटा बिखर गई। दीपों की ये लड़ी न केवल एक दिव्य अनुभव प्रदान करती है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोती है। हर ओर दीपों की रोशनी ने एक जादुई माहौल बना दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

Deepotsav के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। स्थानीय कलाकारों ने संगीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को दर्शाया। इन कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और अयोध्या की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखा।

श्रद्धालुओं की भीड़

इस बार दीपोत्सव में लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। देशभर से आए श्रद्धालुओं ने अयोध्या के धार्मिक स्थल को देखने और वहां की दिव्य रौशनी का अनुभव करने का आनंद लिया। सभी ने एक साथ मिलकर अयोध्या में भक्ति और प्रेम का माहौल बनाया।

सुरक्षा व्यवस्था

अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया था। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा हो और कार्यक्रम सुचारू रूप से चले। यह आयोजन न केवल धार्मिक था, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी सफल रहा।

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दीपोत्सव 2024 ने अयोध्या को एक बार फिर से एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना दिया। रामचरितमानस पर आधारित भव्य झांकियों और लाखों दीपों की रोशनी ने सभी का मन मोह लिया। यह पर्व न केवल भगवान राम के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है। अगले वर्ष भी इसी धूमधाम से दीपोत्सव मनाने की अपेक्षा सभी श्रद्धालुओं में है।

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