सावधान! हिमाचल में हाई ब्लड प्रेशर, निमोनिया और शुगर समेत 49 दवाओं की क्वालिटी खराब,

सावधान! देशभर के विभिन्न उद्योगों में निर्मित 49 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इनमें से 19 दवाएं हिमाचल प्रदेश के उद्योगों में बनाई गई हैं।

सावधान!

सावधान! देशभर के विभिन्न उद्योगों में निर्मित 49 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इनमें से 19 दवाएं हिमाचल प्रदेश के उद्योगों में बनाई गई हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है, खासकर ऐसे समय में जब लोग विभिन्न बीमारियों के लिए इन दवाओं पर निर्भर रहते हैं।

प्रभावित राज्यों की सूची

इन दवाओं में केवल हिमाचल प्रदेश की ही नहीं, बल्कि देश के अन्य 10 राज्यों की दवाएं भी शामिल हैं। ये राज्य हैं:

  1. हरियाणा
  2. उत्तराखंड
  3. जम्मू-कश्मीर
  4. पंजाब
  5. मध्य प्रदेश
  6. तेलंगाना
  7. गुजरात
  8. महाराष्ट्र
  9. सिक्किम
  10. पश्चिम बंगाल

इन राज्यों के उद्योगों में बनी दवाएं भी मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

दवाओं में पाए गए दोष

दवाओं में जो मुख्य कमियां पाई गई हैं, उनमें शामिल हैं:

  • डिस्किप्शन में अंतर: कई दवाओं का विवरण सही नहीं था, जिससे उनके उपयोग में समस्या आई।
  • सही तरीके से विघटन न होना: दवाओं का विघटन समय पर और सही तरीके से नहीं हो रहा था, जिससे उनके प्रभाव में कमी आई।
  • धूल के कण: दवाओं में धूल के कण पाए गए, जो स्वच्छता के मानकों का उल्लंघन है।
  • घुलनशीलता में कमी: कई दवाओं की घुलनशीलता में कमी पाई गई, जिससे उनके प्रभावी होने में समस्या आई।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

इन दवाओं की खराब गुणवत्ता का असर सीधे तौर पर मरीजों की सेहत पर पड़ता है। उच्च रक्तचाप, निमोनिया, शुगर और संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों के लिए ये दवाएं आवश्यक होती हैं। इनकी गुणवत्ता में कमी से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाएगा, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है।

स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रभावित दवाओं की जांच की जाएगी और दोषी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी दवाएं बाजार में न बिकें, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।

उपभोक्ताओं के लिए सलाह

उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे केवल प्रमाणित और मान्यता प्राप्त दवाओं का ही सेवन करें। दवा खरीदते समय लेबल पर दिए गए विवरण को ध्यान से पढ़ें और सुनिश्चित करें कि वह मानकों पर खरी है।

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सावधान !इस प्रकार, 49 दवाओं की गुणवत्ता में कमी का मामला गंभीर है और यह सभी संबंधित पक्षों के लिए एक चेतावनी है। स्वास्थ्य विभाग और दवा निर्माताओं को इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे मामले सामने न आएं। उपभोक्ताओं को भी सजग रहना चाहिए और अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए।

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