LAC पर स्थिति सामान्य, चीन ने हटाए तंबू, दोनों सेनाएं पीछे हटीं

LAC पर स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।

LAC पर स्थिति सामान्य

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए एक समझौते के कुछ दिन बाद, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह जानकारी सूत्रों से मिली है, जिसके अनुसार दोनों देशों ने अपनी-अपनी टेंट और अस्थायी संरचनाएं हटानी शुरू कर दी हैं।

सैनिकों का पीछे हटना

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी किनारे की ओर लौट रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक नाला के पूर्वी किनारे की ओर पीछे हट रहे हैं। दोनों तरफ लगभग 10-12 अस्थायी ढांचे और 12 टेंट हटाए जा रहे हैं।

वाहनों की संख्या में कमी

गुरुवार को, चीनी सेना ने इलाके में अपने वाहनों की संख्या कम कर दी, वहीं भारतीय सेना ने भी कुछ सैनिकों को वापस बुला लिया। सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अगले 4-5 दिनों में देपसांग और डेमचोक में गश्त फिर से शुरू होने की संभावना है।

समझौता और पुष्टि

भारत ने 21 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह चीन के साथ एलएसी पर गश्त करने के समझौते पर पहुंच गया है। यह चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। मई 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक टकराव के बाद यह गतिरोध शुरू हुआ था।

चीन ने भी इस समझौते की पुष्टि की है। बीजिंग ने कहा है कि “प्रासंगिक मामलों” पर एक समाधान हो गया है और वह भारत के साथ मिलकर इन प्रस्तावों को लागू करेगा।

तनाव में सुधार की उम्मीद

सीमा पर सैनिकों की वापसी से भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की उम्मीद है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की, जिसमें इस समझौते का समर्थन किया गया।

द्विपक्षीय वार्ता

इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए, जिससे संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत मिला।

समझौते के प्रमुख बिंदु

भारत और चीन ने एलएसी पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर सहमति जताई है। यह समझौता विशेष रूप से डेपसांग और डेमचौक इलाकों में पेट्रोलिंग से संबंधित है।

मोदी की रूस यात्रा

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग की व्यवस्था को लेकर बनी सहमति से 2020 में उत्पन्न तनाव का समाधान हो रहा है। यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले हुआ, जो 22-23 अक्टूबर को आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए था।

सीमा संबंधी मुद्दे

पांच साल में पहली बार हुई इस बैठक में पीएम मोदी ने सीमा संबंधी मामलों पर मतभेदों को शांति और स्थिरता को भंग न करने देने की आवश्यकता पर जोर दिया। शी चिनफिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पीएम मोदी द्वारा दिए गए सुझावों पर सहमति जताई।

इस प्रकार, दोनों देशों के बीच हुए समझौतों से LAC पर स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।

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