निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटिशन याचिका खारिज
निर्भया गैंगरेप के दोषियों पर फांसी को लेकर अटकलें बढ़ती जा रही हैं लेकिन अब इन दोषियों को फांसी मिलना लगभग तय हो गया है। निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटिशन याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिससे अब यह तय हो गया है की अब इन दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी विराम
खबरें के मुताबिक बताएं तो 22 जनवरी को इन दोषियों को सजा दी जाएगी यानी सभी को फांसी की सजा मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर आज सुनवाई की और विनय शर्मा और मुकेश सिंह द्वारा दायर की क्यूरेटिव पिटिशन याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के दौरान जजों ने कहा कि क्यूरेटिव याचिका में कोई आधार ही नहीं है जस्टिस एनवी रमणा जस्टिस अरुण मिश्रा जस्टिस आर एफ नरीमन जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने यह बड़ा फैसला लिया है।
बता दें कि दोषियों ने अपनी सजा माफ कराने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर ली है लेकिन फिर भी सभी कोशिशों के बावजूद अब उनके पास एक आखिरी रास्ता है कि वह राष्ट्रपति के पास दया याचिका लेकर पहुंचे। क्योंकि दोषियों द्वारा दायर की गई सभी याचिकाएं कोर्ट ने खारिज कर दी हैं और अब आखिरी रास्ता राष्ट्रपति का ही है। बता दे कि दोषियों ने क्यूरेटिव पिटिशन याचिका में अपनी सजा कम कराने के लिए कहा था। बता दें कि राष्ट्रपति के पास अगर यह दोषी दया याचिका के लिए जाते हैं तो वैसे सजा कम कर पाएंगे यानी वह फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल सकते हैं। संविधान 72 के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि वह फांसी की सजा को माफ कर सकते हैं और उन्हें इस चीज के लिए कोई कारण बताने की जरूरत नहीं पड़ती है।