“यूपी के योगी का करोड़ों का गोबर घोटाला!”

यूपी मामला न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक मुद्दों को भी उठाता है।

यूपी रायबरेली में करोड़ों का गोबर घोटाला

यूपी मामला का परिचय

  • स्थान: यूपी रायबरेली, उत्तर प्रदेश
  • विषय: सरकारी धन का गोलमाल, विशेष रूप से गोबर के संबंध में।
  • गोशालाएं: जिले में कुल 88 गोशालाएं हैं, जिनमें लगभग 23,000 गोवंश संरक्षित हैं।

यूपी सरकारी भुगतान

  • चारा दाना: सरकार ने पशुओं के लिए प्रति मवेशी पहले 30 रुपये और अब 50 रुपये की दर से चारा दाना का भुगतान किया।
  • मासिक भुगतान: प्रत्येक महीने करीब 3.45 करोड़ रुपये गोशालाओं को दिए जा रहे हैं।
  • कुल राशि: पिछले तीन वर्षों में 30 रुपये की दर से दिए गए पैसे जोड़ने पर कुल 88.53 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है।

अनियमितताएं

  • गोबर की अनुपस्थिति: इतनी बड़ी राशि के चारे के बावजूद गोशालाओं में गोबर की कमी है।
  • स्थानीय शिकायतें: ग्रामीणों का कहना है कि गोबर का सही तरीके से प्रबंधन नहीं हो रहा है।

गोबर का व्यापार

  • विक्रय का आरोप: जानकारी के अनुसार, गोशाला संचालक और अधिकारी गोबर को बेचकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं।
  • गोपनीयता: गोशाला संचालन से जुड़े अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

सरकारी निगरानी

  • निगरानी की कमी: संबंधित विभागों द्वारा गोशालाओं की निगरानी में कमी दिखाई दे रही है।
  • जांच की मांग: स्थानीय निवासियों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

सामाजिक प्रभाव

  • धन का दुरुपयोग: सरकारी धन के दुरुपयोग से न केवल गोवंश की देखभाल प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों में भी आक्रोश उत्पन्न हो रहा है।
  • विश्वास की कमी: इस प्रकार की घटनाओं ने जनता में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास को कमजोर किया है।

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यूपी रायबरेली में गोबर के इस घोटाले ने विकास कार्यों में सरकारी धन के दुरुपयोग की गंभीरता को उजागर किया है। यह मामला न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक मुद्दों को भी उठाता है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसे अनियमितताएं न हों और सरकारी धन का सही उपयोग हो सके।

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