Dussehra 2024: न्याय की विजय का पर्व
Dussehra, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह रावण के अधर्म पर भगवान राम के धर्म की विजय का प्रतीक है।
Dussehra का महत्व
Dussehra, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह रावण के अधर्म पर भगवान राम के धर्म की विजय का प्रतीक है। इस पर्व को मनाने का उद्देश्य अन्याय के खिलाफ न्याय की जीत को सेलिब्रेट करना है।
Dussehra , राष्ट्रपति और पीएम का संदेश
Dussehra 2024 के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख हस्तियों ने देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने इस पर्व को अन्याय पर न्याय की विजय के रूप में प्रस्तुत किया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि दशहरा हमें यह याद दिलाता है कि सत्य और धर्म का हमेशा विजय होता है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अन्याय और अधर्म के खिलाफ खड़े हों।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पीएम मोदी ने भी अपने ट्वीट में इस पर्व के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि दशहरा हमें साहस और संघर्ष की प्रेरणा देता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस दिन को एक नई शुरुआत के रूप में मानें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करें।
अन्य हस्तियों के संदेश
कई राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य नेता भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ देने के लिए आगे आए। उन्होंने भी Dussehra को सामाजिक एकता, सामूहिक संघर्ष, और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बताया।
पर्व का उत्सव
दशहरा के दिन, रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। विभिन्न स्थानों पर भव्य रावण दहन समारोह आयोजित किए जाते हैं, जहाँ लोग एकत्रित होकर इस पर्व का आनंद लेते हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें रामलीला और लोक नृत्य शामिल होते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
Mohan Bhagwat का संदेश :भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास
दशहरा 2024 का पर्व एक अवसर है जब हम सभी को मिलकर अन्याय के खिलाफ खड़ा होने और सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी के संदेश ने इस पर्व के महत्व को और बढ़ा दिया है। यह समय है कि हम इस पर्व को न केवल एक धार्मिक उत्सव के रूप में, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक प्रेरणा के रूप में मनाएँ।