Pakistan में तख्तापलट: मुशर्रफ की साजिश

Pakistan में तख्तापलट की घटनाएँ उसकी राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित करती रहीं हैं। देश में अब तक कई बार सैन्य तख्तापलट हुए हैं।

Pakistan में तख्तापलट का इतिहास

Pakistan में तख्तापलट की घटनाएँ उसकी राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित करती रहीं हैं। देश में अब तक कई बार सैन्य तख्तापलट हुए हैं। प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं:

  1. 1958: जनरल मोहम्मद अयूब खान ने राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा के खिलाफ तख्तापलट किया और पाकिस्तान के पहले सैन्य शासक बने।
  2. 1977: जनरल जियाउल हक ने प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का तख्तापलट किया और देश की कमान अपने हाथ में ले ली।
  3. 1999: जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ तख्तापलट किया, जो पाकिस्तान में तीसरा प्रमुख सैन्य तख्तापलट था।

मुशर्रफ का शासन

परवेज मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट करके सत्ता हासिल की और 2001 तक देश पर शासन किया। उनके शासन के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक सुधार किए।

  • शासन काल: मुशर्रफ का शासन लगभग 9 साल तक चला, जिसमें उन्होंने देश को कई चुनौतियों से निपटने के लिए दिशा दी। उनके कार्यकाल में आतंकवाद, कश्मीर मुद्दा, और अमेरिका के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

25 साल पहले की साजिश

1999 में, जब मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट किया, तब यह एक बड़ी साजिश थी। उन्होंने कश्मीर में संघर्ष को बढ़ावा देने और भारत के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए सेना के समर्थन पर भरोसा किया।

  • धोखे की कहानी: मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को विश्वास दिलाया कि उनकी सेना कोई बड़ा कदम नहीं उठाएगी। लेकिन अचानक तख्तापलट कर उन्होंने नवाज को सत्ता से बेदखल कर दिया। यह कदम न केवल राजनीतिक खेल था, बल्कि देश की स्थिरता को भी प्रभावित किया।

तख्तापलट के परिणाम

तख्तापलट के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी। मुशर्रफ के शासन में कई सुधार हुए, लेकिन उनके द्वारा किए गए कई कदमों ने भी विरोध उत्पन्न किया।

  • संघर्ष: मुशर्रफ के खिलाफ राजनीतिक विरोध बढ़ा, और अंततः उन्हें 2008 में इस्तीफा देना पड़ा।

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Pakistan में तख्तापलट की घटनाएँ देश की राजनीति को प्रभावित करती रहीं हैं। मुशर्रफ की साजिश और धोखे की कहानी यह दर्शाती है कि सैन्य शक्ति का प्रयोग किस प्रकार राजनीतिक स्थिरता को नष्ट कर सकता है। भविष्य में पाकिस्तान को स्थायी राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है ताकि इस तरह के संकटों से बचा जा सके।

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