Varanasi News: श्रीकाशी विश्वनाथ के गर्भ में गिरे थे श्रद्धालु

Varanasi पुलिस कमिश्नरेट ने तुरंत कार्रवाई की। डीसीपी सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए एक दारोगा.

Varanasi: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में महिला श्रद्धालु की गिरने की घटना पर सख्त कार्रवाई

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में 7 अक्टूबर को हुई एक घटना ने मंदिर सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को उजागर किया है। सप्तर्षि आरती के बाद गर्भगृह में एक महिला श्रद्धालु गिर गई, जिसके बाद Varanasi पुलिस कमिश्नरेट ने तुरंत कार्रवाई की। डीसीपी सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए एक दारोगा, एक पुरुष सिपाही और तीन महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।

Varanasi घटना की पृष्ठभूमि

सप्तर्षि आरती के बाद गर्भगृह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस दौरान एक महिला श्रद्धालु ने स्पर्श दर्शन के प्रयास में संतुलन खो दिया और गर्भगृह के गहरे अरघा में गिर गई। इस घटना के कारण मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे, खासकर उस समय जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकसाथ गर्भगृह में प्रवेश कर रहे थे।

Varanasi जांच और निलंबन की प्रक्रिया

इस घटना के बाद, एसपी सुरक्षा ने एसीपी सुरक्षा अमित श्रीवास्तव को जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि गर्भगृह में अधिक भीड़ होने के कारण यह घटना घटी। प्रारंभिक रूप से यह भी स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा ड्यूटी में लगे आठ पुलिसकर्मियों की लापरवाही इस घटना का मुख्य कारण थी।

निलंबन की कार्रवाई

डीसीपी सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के एक दारोगा, एक पुरुष सिपाही और तीन महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने अन्य गैर जनपदों के तीन दारोगाओं के निलंबन की संस्तुति उनके पुलिस प्रमुखों को भेजी है।

सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता

इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर और भी अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित किया जाए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।

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श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में महिला श्रद्धालु की गिरने की घटना ने न केवल मंदिर सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर किया, बल्कि प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है। इस घटना के बाद की गई त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर है। अब यह देखना होगा कि भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था में क्या सुधार किए जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

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