“Israel-Hamas War: फ्रांस की नाराज़गी, रूस का ईरान का समर्थन”

Israel-Hamas War ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। हाल के दिनों में इस संघर्ष ने न सिर्फ मिडिल ईस्ट को हिला दिया है, बल्कि वैश्विक ताकतों को भी विभाजित कर दिया है।

Israel-Hamas War ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। हाल के दिनों में इस संघर्ष ने न सिर्फ मिडिल ईस्ट को हिला दिया है, बल्कि वैश्विक ताकतों को भी विभाजित कर दिया है। फ्रांस, जो पहले से ही Israel-Hamas War इजराइल और हमास के बीच शांति की अपील कर रहा था, अब अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमास के हालिया हमलों की कड़ी निंदा की है, लेकिन साथ ही इजराइल की ओर से हो रहे बड़े पैमाने पर पलटवार और गाज़ा में हो रही मानवीय हानियों पर चिंता जताई है। फ्रांस का मानना है कि इस संघर्ष में नागरिकों का जीवन बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की ज़रूरत है।

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दूसरी ओर, रूस ने ईरान के साथ अपने सहयोग को बढ़ाते हुए इस विवाद में एक नई दिशा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने ईरान को सैन्य सहायता मुहैया कराई है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि यह संघर्ष सिर्फ इजराइल और हमास तक सीमित नहीं रहेगा। ईरान, जो हमास का परोक्ष समर्थक माना जाता है, को रूस की इस मदद ने पश्चिमी देशों के लिए एक नया सिरदर्द पैदा कर दिया है।

अमेरिका और यूरोपीय संघ इस संघर्ष को थामने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन रूस का ईरान के साथ सहयोग और फ्रांस की नाराज़गी ने इस संकट को और भी जटिल बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बढ़ती खींचतान के साथ, यह देखना अहम होगा कि इस युद्ध का समाधान कैसे निकलता है, या यह मिडिल ईस्ट से बाहर तक फैलता है

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