Tejashwi Yadav :तेजस्वी यादव ने साझा किया बीजेपी नेता का वीडियो कड़ा बयान

Tejashwi Yadav का यह प्रयास राज्य की समस्याओं को उजागर करने और सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने का एक हिस्सा है।

Tejashwi Yadav ने प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा:

“वरिष्ठ बीजेपी नेता, दो बार के केंद्रीय मंत्री, 6 बार सांसद, 3 बार विधायक और जिनका पुत्र वर्तमान बीजेपी सांसद है, वे BJP-नीतीश सरकार में बिहार में व्याप्त अफसरशाही और जनप्रतिनिधियों की दशा पर टिप्पणी कर रहे हैं।

अब आप कल्पना करिए कि थाना और ब्लॉक में आम लोगों को कितनी परेशानियों और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। बिना रिश्वत दिए बिहार में किसी का काम नहीं होता। सार्वजनिक रूप से कोई नहीं कहेगा, यहाँ तक कि सत्ताधारी विधायक अपने क्षेत्र में मनचाहे अधिकारियों के तबादलों और कार्यों के लिए भेंट चढ़ाते हैं। सांसद-विधायकों को नीतीश कुमार के परम दुलारे अधिकारी प्रणाम करना तो दूर, उनका फोन तक नहीं उठाते।

कुर्सी के खातिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ख़ुद तो बेबस, बेचारे और असहाय बन गए हैं, लेकिन बिहार पर अपनी बेचारगी क्यों थोप रहे हैं?

थके हुए नेता और रिटायर्ड अधिकारी बिहार के सर्वेसर्वा बनकर राज्य को पीछे धकेल रहे हैं।”

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यह बयान बिहार में वर्तमान प्रशासनिक स्थिति और नेताओं के आचरण पर सवाल उठाता है। Tejashwi Yadav का यह प्रयास राज्य की समस्याओं को उजागर करने और सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने का एक हिस्सा है।

बिहार में व्याप्त अफसरशाही और जनप्रतिनिधियों की दशा पर एक वरिष्ठ बीजेपी नेता, जो दो बार के केंद्रीय मंत्री, छह बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं, ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनके बेटे वर्तमान में बीजेपी के सांसद हैं, और उनकी बातों में बिहार की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति निराशा झलकती है।

नेता ने कहा कि बिहार में आम लोगों को थाना और ब्लॉक स्तर पर अनेक परेशानियों और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना रिश्वत दिए यहां किसी का काम नहीं होता। इस स्थिति को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक रूप से कोई भी सत्ताधारी विधायक इस समस्या का उल्लेख नहीं कर सकता, क्योंकि वे स्वयं अपने क्षेत्र में मनचाहे अधिकारियों के तबादलों और कार्यों के लिए भेंट चढ़ते हैं।

इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि सांसद और विधायक नीतीश कुमार के प्रिय अधिकारियों का अभिवादन तो दूर, उनका फोन भी नहीं उठाते। यह स्थिति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेबसी और असहायता को दर्शाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि नीतीश कुमार अपनी बेचारगी क्यों बिहार की जनता पर थोप रहे हैं।

नेता ने चेतावनी दी कि बिहार के कुछ थक चुके नेता और रिटायर्ड अधिकारी मिलकर राज्य को पीछे धकेल रहे हैं। यदि इस स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो बिहार की भविष्यवाणी और भी गंभीर हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिवर्तन की आवश्यकता है, ताकि बिहार में आम लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके और विकास की राह पर आगे बढ़ा जा सके।

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