“Navratri 2024 Day 2: दुर्लभ ‘शिववास’ योग सहित 3 अद्भुत संयोग”

Navratri 2024 की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

नई दिल्ली। Navratri 2024 का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और विशेष योग

शारदीय Navratri 2024 की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने की परंपरा भी है, जिससे भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

मां ब्रह्मचारिणी की आराधना का महत्व शास्त्रों में वर्णित है। मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती है। उन्हें सुख-समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, और जीवन में व्याप्त दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

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ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि के दूसरे दिन कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जिनमें दुर्लभ ‘शिववास’ योग भी शामिल है। इस योग में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, अन्य मंगलकारी संयोग भी बन रहे हैं, जो भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकते हैं।

विशेष योग और मुहूर्त

  1. शिववास योग: यह योग विशेष रूप से साधकों के लिए शुभ है। इसमें साधक को आत्मिक बल और मानसिक शक्ति मिलती है, जिससे वे अपने सभी कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस योग के दौरान की गई पूजा का विशेष महत्व है।
  2. व्रत और उपवास: नवरात्र के दूसरे दिन भक्त मां ब्रह्मचारिणी का व्रत रखते हैं। इस दिन फल, दूध और अन्य शुद्ध आहार का सेवन किया जाता है। व्रत के दौरान मन और आत्मा को शुद्ध करने पर ध्यान दिया जाता है।
  3. पूजा विधि: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए सुबह का समय सर्वोत्तम होता है। इस समय भक्त शुद्ध होकर मां की आरती, भोग और फूल अर्पित करते हैं। इससे मां की कृपा पाने के लिए ऊर्जा बढ़ती है।

नवरात्र का यह दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना के लिए विशेष है। भक्तों को इस दिन उनके समर्पण और भक्ति के अनुसार फल की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए विशेष योग और पूजा विधि के माध्यम से साधक जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसलिए, भक्तों को इस शुभ अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करनी चाहिए।

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