Tragic मौत :जब ख़ुशियाँ बदल गई मातम में , संभल कर चले

Tragic मौत | रविवार रात, न्यू कोंडली ए ब्लॉक में मातम का माहौल छा गया। एक के बाद एक फोन आने लगे कि कई युवा सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

Tragic मौत | रविवार रात, न्यू कोंडली ए ब्लॉक में मातम का माहौल छा गया। एक के बाद एक फोन आने लगे कि कई युवा सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह खबर सुनते ही चार परिवारों में कोहराम मच गया। आधे घंटे बाद, परिवारों को बताया गया कि उनके बच्चे अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस दर्दनाक घटना ने न केवल परिवारों को, बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया।

Tragic मौत | हिमांशु की कहानी

हिमांशु, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से थे, अपने परिवार के साथ कोंडली में रह रहे थे। वह अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और हाल ही में नोएडा में एक निजी कंपनी में नौकरी पाई थी। 15 अक्टूबर को उनका जन्मदिन था, और वे रविवार रात 11 बजे घर से बाहर गए। उन्होंने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ कार लेकर जा रहे हैं और कुछ देर में लौटेंगे।

रात दो बजे, हिमांशु के एक दोस्त का फोन आया जिसमें बताया गया कि उनकी कार को एक ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी है। इस खबर ने हिमांशु की मां को तोड़ दिया। वह बार-बार बेहोश हो गईं, अपने इकलौते बेटे के खोने के दर्द को सहन नहीं कर पाईं।

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मनीष का परिवार

मनीष, जो रुद्रप्रयाग के रहने वाले थे, एक नौकरी की तलाश में थे। उनके परिवार में पिता किशन सिंह, मां सलोचना और तीन बहनें थीं। उनकी बहन पूनम ने बताया कि मनीष ही परिवार का ख्याल रखते थे और उनकी आकस्मिक मौत ने परिवार को बुरी तरह प्रभावित किया।

विशाल और मोहित

विशाल और मोहित, दोनों किराए पर रहते थे। मोहित के परिवार में उनके पिता राजकुमार और एक छोटा भाई मनोज था। मोहित घर के सबसे छोटे सदस्य थे और परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा थे। वहीं, विशाल की शादी नहीं हुई थी और उनके परिवार के सदस्य लड़की की तलाश कर रहे थे।

मोहित के पिता बुजुर्ग हैं और उनकी सुनने की क्षमता कमजोर है, जिससे परिवार पर और अधिक बोझ पड़ता था। दोनों युवाओं की मौत ने उनके परिवारों को बेतहाशा नुकसान पहुंचाया है, और इलाके में शोक का वातावरण बना हुआ है।

यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं है, बल्कि चार परिवारों के लिए एक गहरा दुख और शोक लेकर आई है। इस त्रासदी ने न केवल उनके परिवारों को बल्कि पूरे समाज को भी प्रभावित किया है। एक साथ चार दोस्तों की मौत ने यह दर्शाया कि किस तरह से एक क्षण की लापरवाही जीवन को बदल सकती है।

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