“धोखाधड़ी: किराए की पिस्टल से Preeti का 50 मीटर गड़बड़ाया”
Preeti कुमारी, जो कि भारतीय राष्ट्रीय शूटिंग टीम की सदस्य रही हैं, इस बार अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से दूर रहीं। उन्होंने कहा, "अगर मेरी खुद की पिस्टल होती, तो मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।"
आसनसोल, पश्चिम बंगाल। 8वीं ईस्ट जोन शूटिंग प्रतियोगिता में गुरुवार को 50 मीटर शूटिंग प्रतिस्पर्धा में राष्ट्रीय स्तर की गोल्ड मेडल विजेता Preeti कुमारी के लिए दिन अच्छा नहीं रहा। उन्हें किराए की पिस्टल से खेलना पड़ा, जो ठीक से कार्य नहीं कर रही थी, और इस वजह से उनका स्कोर प्रभावित हुआ।
प्रतियोगिता का हाल
Preeti कुमारी, जो कि भारतीय राष्ट्रीय शूटिंग टीम की सदस्य रही हैं, इस बार अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से दूर रहीं। उन्होंने कहा, “अगर मेरी खुद की पिस्टल होती, तो मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।” उनकी चिंता सिर्फ स्कोर तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि यह भी कि वह अपनी पिस्टल के लिए लगभग आठ महीने से लाइसेंस का इंतजार कर रही हैं।
-
Bharat ने चीनी ताइपे को 16-0 से हराकर जूनियर एशिया कप सेमीफाइनल में प्रवेश कियाDecember 18, 2024- 3:45 PM
-
Bharat बनाम ऑस्ट्रेलिया तीसरा टेस्ट, पांचवां दिन: गाबा टेस्ट ड्रॉ पर समाप्तDecember 18, 2024- 3:08 PM
लाइसेंस की परेशानी
प्रीति ने आठ महीने पहले पिस्टल के लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अब तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिला है। यह स्थिति उन्हें बेहद परेशान कर रही है। उन्होंने कहा, “मैंने इस समय को बर्बाद नहीं किया है, लेकिन बिना अपनी पिस्टल के प्रतिस्पर्धा करना बहुत कठिन है।” प्रीति कुमारी ने राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 25 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं, लेकिन इस बार की प्रतियोगिता उनके लिए एक चुनौती बन गई।
समर्थन की कमी
प्रीति का कहना है कि उन्हें इस स्थिति में और भी समर्थन की आवश्यकता है। “एक एथलीट के लिए अपनी पिस्टल का होना बहुत जरूरी है। यह सिर्फ एक उपकरण नहीं है, बल्कि यह मेरी पहचान है,” उन्होंने कहा। उनका मानना है कि यदि उन्हें समय पर लाइसेंस मिल जाता, तो वह अपने प्रदर्शन को बेहतर तरीके से दर्शा पातीं।
“OTT पर इस वीकेंड देखें टॉप-5 रोमांटिक मूवीज : प्यार चढ़ेगा परवान:”
आने वाले लक्ष्य
प्रीति अब अपने अगले लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस हार को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी। मैं ट्रेनिंग जारी रखूंगी और अगले मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करूंगी।” वह जानती हैं कि मेहनत और धैर्य से ही सफलता हासिल की जा सकती है।
प्रीति कुमारी की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि किसी भी खेल में तकनीकी सुविधाएं और उपकरण कितने महत्वपूर्ण होते हैं। उनकी मेहनत और संघर्ष निश्चित रूप से युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। उम्मीद है कि वह जल्द ही अपनी पिस्टल के लाइसेंस की प्रतीक्षा को समाप्त कर अपने अगले लक्ष्य की ओर बढ़ेंगी।