AAP और LG का विवाद: केजरीवाल ने कहा असंवैधानिक

AAP ने यह भी कहा कि यह स्थिति नगर निगम में सत्ता संघर्ष और राजनीतिक दखलंदाजी को दर्शाती है, जिसमें भाजपा की भूमिका को संदेह के घेरे में रखा गया है।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा किया है। पार्टी का कहना है कि इस बैठक की अध्यक्षता कोई अधिकारी नहीं कर सकता, जबकि उपराज्यपाल (LG) ने भाजपा के कहने पर नगर निगम की अध्यक्षता नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त को सौंपने के निर्देश दिए हैं। इस पर AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह कदम कानून के खिलाफ है।

सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि उनकी AAP इस बैठक में भाग नहीं लेगी, क्योंकि इसे अवैध समझा जा रहा है। उन्होंने कहा, “नोटिस जो निकाला गया है, वह कानून संगत नहीं है। हम स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव में भाग नहीं लेंगे।” उन्होंने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया।

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इस बीच, मनीष सिसोदिया ने आश्वासन दिया कि AAP ने 5 अक्टूबर को चुनाव कराने की योजना बनाई है, और अगर जरूरत पड़ी तो वे इस मामले में अदालत का रुख करेंगे। उनका कहना है कि पार्टी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

AAP ने यह भी कहा कि यह स्थिति नगर निगम में सत्ता संघर्ष और राजनीतिक दखलंदाजी को दर्शाती है, जिसमें भाजपा की भूमिका को संदेह के घेरे में रखा गया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि LG की कार्रवाई भाजपा के हितों की पूर्ति के लिए की जा रही है, जो लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।

सिसोदिया के अनुसार, अगर यह स्थिति जारी रही, तो इससे नगर निगम की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी और आम जनता को नुकसान होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि AAP लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों का विरोध करेगी।

यह विवाद इस बात का संकेत है कि दिल्ली की राजनीति में संघर्ष बढ़ता जा रहा है, जहां AAP और भाजपा के बीच की टकराहट और गहरी होती जा रही है। AAP का कहना है कि वे इस मामले को लेकर गंभीर हैं और अंतिम फैसला लेने से पहले सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेंगे।

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