केंद्र सरकार ने IAS पूजा खेडकर को कल बर्खास्त किया, जानिए पूरी ख़बर

केंद्र सरकार ने हाल ही में विवादों में घिरी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया था।

केंद्र सरकार ने हाल ही में विवादों में घिरी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया था। यह कदम उन गंभीर आरोपों के आधार पर उठाया गया था, जिनमें खेडकर पर धोखाधड़ी करने और सेवा में अपनी नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए पिछड़ा वर्ग (OBC) और विकलांगता कोटा के लाभों का गलत तरीके से उपयोग करने का आरोप था।

पूजा खेडकर की बर्खास्तगी की प्रक्रिया एक उच्चस्तरीय जांच और समीक्षा के बाद अंजाम दी गई थी। आरोपों के अनुसार, खेडकर ने सरकारी सेवाओं में अपनी नियुक्ति को सुनिश्चित करने के लिए जानबूझकर और जानबूझकर कोटा लाभों का दुरुपयोग किया था। इसके तहत उन्होंने ओबीसी और विकलांगता कोटा के तहत विशेष सुविधाओं और लाभों का लाभ उठाने का प्रयास किया था, जिनका वे योग्य नहीं थीं।

इन आरोपों के संदर्भ में एक विस्तृत जांच की गई थी, जिसमें पाया गया था कि खेडकर ने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया था। उनके खिलाफ कई शिकायतें और रिपोर्टें प्राप्त हुई थीं, जो कि इस बात की पुष्टि करती थीं कि उन्होंने अपने चयन और सेवा की पुष्टि के लिए धोखाधड़ी की थी। इस प्रकार की अनियमितताओं और गंभीर उल्लंघनों के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया था कि खेडकर को प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त किया जाए।

बर्खास्तगी की यह कार्रवाई भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करती थी और यह दर्शाती थी कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अनियमितताओं को सहन नहीं किया जाएगा। यह निर्णय यह भी संकेत करता था कि सरकारी अधिकारियों के चयन और सेवा के नियमों की गंभीरता से पालन किया जाएगा, और किसी भी प्रकार की अनियमितता के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

खेडकर के खिलाफ बर्खास्तगी के आदेश के बाद, यह उम्मीद की जा रही थी कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके खिलाफ उठाए गए सभी आरोप सही और प्रमाणित हों। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके और सरकारी सेवा में केवल योग्य और ईमानदार व्यक्तियों को ही नियुक्त किया जाए।

सरकारी अधिकारी ने कहा:
“पूजा खेडकर की बर्खास्तगी का निर्णय उनके खिलाफ उठाए गए गंभीर आरोपों की जांच के बाद लिया गया था। यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए था कि सरकारी सेवाओं में केवल योग्य और ईमानदार व्यक्ति ही कार्यरत रहें।”

केंद्र सरकार द्वारा IAS पूजा खेडकर की बर्खास्तगी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकारी सेवाओं में उच्च मानक और ईमानदारी बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस फैसले के बाद, यह उम्मीद की जा रही थी कि प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्ठा को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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