मोदी और वॉन्ग ने सेमीकंडक्टर सहयोग पर चर्चा की
यह बैठक दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने हाल ही में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग के संभावित अवसरों पर चर्चा की। यह बैठक दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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विवरण:
- बैठक का उद्देश्य: यह बैठक भारतीय और सिंगापुर के अधिकारियों के बीच सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग की संभावनाओं को अनलॉक करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्र है, जो आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी की नींव है।
- सिंगापुर की भूमिका: सिंगापुर ने हमेशा उच्च-प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाई है। उनकी सेमीकंडक्टर उद्योग में गहरी विशेषज्ञता और अनुसंधान व विकास में निवेश ने उन्हें इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है।
- भारत का दृष्टिकोण: भारत, जहां तकनीकी प्रगति और विकास की गति तेज है, सेमीकंडक्टर उद्योग में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने और भारत को एक महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर हब बनाने की महत्वाकांक्षा व्यक्त की है।
- संभावित सहयोग: चर्चा में दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन, अनुसंधान और विकास, और आपूर्ति श्रृंखला के प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया। यह सहयोग न केवल दोनों देशों के आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में भी सुधार लाएगा।
- फायदे: इस प्रकार के सहयोग से दोनों देशों को उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नई तकनीकों और नवाचारों के लाभ प्राप्त होंगे। यह भारत को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर एक मजबूत स्थिति स्थापित करने में मदद करेगा और सिंगापुर के लिए नई बाजार संभावनाओं को खोल सकेगा।
- भविष्य की योजनाएँ: इस बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं और अनुसंधान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप तैयार करने का संकल्प लिया।
इस तरह की उच्च-स्तरीय बैठकों से दोनों देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
“मोदी ने एक तस्वीर के साथ लिखा: ‘मेरे मित्र और सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री, श्री ली सीन लूंग से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। वह भारत-सिंगापुर के करीबी संबंधों के प्रबल समर्थक रहे हैं। उनकी विभिन्न मुद्दों पर अंतर्दृष्टि भी बहुत समृद्ध है। हमने हरित ऊर्जा, फिनटेक जैसी भविष्य की क्षेत्रों में सहयोग पर गहन चर्चा की।'”
“ओडिशा के वर्ल्ड स्किल सेंटर के इंटरन्स से बातचीत करना बहुत अच्छा रहा, जो सिंगापुर में आए हैं, और सिंगापुर के उन इंटरन्स से भी, जो भारत के CII-एंटरप्राइज सिंगापुर इंडिया रेडी टैलेंट प्रोग्राम के हिस्से के रूप में भारत गए थे। मैंने AEM होल्डिंग्स में काम कर रहे भारतीय इंजीनियरों की टीम से भी मुलाकात की। ऐसा सहयोग वास्तव में खास है और मानव प्रतिभा और नवाचार का उत्सव है।”