आईएएफ की त्वरित प्रतिक्रिया: लेह से दो गंभीर मरीजों की सुरक्षित निकासी

वायुसेना की टीम ने इस आपातकालीन मिशन को सुनिश्चित किया कि दोनों मरीजों को सुरक्षित और समय पर चंडीगढ़ ले जाया जाए।

रात के अंधेरे में, भारतीय वायुसेना ने एक समय-संवेदनशील चिकित्सा आपातकालीन निकासी के लिए तेजी से प्रतिक्रिया दी। लेह से दो गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सुरक्षित रूप से एयरलिफ्ट किया गया। इस साहसिक मिशन को अंजाम देने के लिए पायलटों ने रात के अंधेरे में लैंडिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए नाइट विजन गोगल्स का उपयोग किया।

इस विशेष ऑपरेशन में, एक वायुसेना का विमान लेह के ऊंचाई वाले क्षेत्र में उतरा, जहां कठिन मौसम और रात के अंधकार ने चुनौती पेश की। विमान के पायलटों ने अपनी तकनीकी दक्षता और रात में दृश्यता बढ़ाने के लिए नाइट विजन गोगल्स की मदद से सफल लैंडिंग की।

उसी समय, अस्पताल से प्राप्त सूचना के आधार पर, 38 वर्षीय और 7 वर्षीय दो महिला मरीजों को जल्दी से विमान में सवार किया गया। उनकी चिकित्सा स्थिति अत्यंत गंभीर थी, और उन्हें तत्काल विशेष देखभाल की आवश्यकता थी। वायुसेना की टीम ने इस आपातकालीन मिशन को सुनिश्चित किया कि दोनों मरीजों को सुरक्षित और समय पर चंडीगढ़ ले जाया जाए।

चंडीगढ़ में उनकी चिकित्सा टीम ने उनकी स्थिति की तत्काल जांच की और आगे की चिकित्सा देखभाल के लिए आवश्यक कदम उठाए। यह घटना भारतीय वायुसेना की त्वरित प्रतिक्रिया और संकट के समय में उनकी अत्यधिक समर्पण का उदाहरण बनी।

इस तरह की त्वरित और प्रभावशाली कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि भारतीय वायुसेना संकट की घड़ी में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम है, और यह जीवन रक्षक सेवाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत बनाता है।

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