तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद में अडानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया

उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप की गतिविधियाँ भ्रष्टाचार से भरी हुई हैं और इस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के बाहर गौतम अडानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। यह प्रदर्शन अडानी ग्रुप पर भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों को लेकर आयोजित किया गया था।

इस विरोध प्रदर्शन में रेवंत रेड्डी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर अडानी ग्रुप के खिलाफ नारे लगाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप की गतिविधियाँ भ्रष्टाचार से भरी हुई हैं और इस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

जनवरी 17 को डावोस यात्रा के दौरान हुई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 17 जनवरी को, जब मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी डावोस की यात्रा पर थे, तेलंगाना सरकार ने गौतम अडानी की कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत अडानी ग्रुप ने तेलंगाना में ₹12,400 करोड़ का निवेश करने का वादा किया था। यह समझौता विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं के लिए था, जिससे राज्य में आर्थिक विकास की संभावनाएँ बढ़ गईं थीं।

हालांकि, इस समझौते के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की अडानी ग्रुप के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया ने कई सवाल उठाए हैं। राजनीतिक हलकों में इस विरोध प्रदर्शन और समझौते के बीच एक महत्वपूर्ण जुड़ाव देखा जा रहा है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री का यह विरोध प्रदर्शन अडानी ग्रुप के खिलाफ बढ़ती सार्वजनिक और राजनीतिक नाराजगी को दर्शाता है। साथ ही, यह राज्य और देश के आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ भी हो सकता है।

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