सांसद पत्नी ने कांस्टेबल पति को दी अपनी निजी सुरक्षा की जिम्मेदारी, कहा: “मेरा पति मेरी ताकत”
यह कांस्टेबल पति अब उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे, और पत्नी ने इसे अपनी ताकत और समर्थन की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया है।
भारतीय राजनीति में एक दिलचस्प और असामान्य घटना घटी है जिसमें एक सांसद की पत्नी ने अपने पति को अपनी निजी सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। यह कांस्टेबल पति अब उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे, और पत्नी ने इसे अपनी ताकत और समर्थन की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया है।
**नरेंद्रपुर के सांसद, रंजीत कुमार की पत्नी, विमला देवी, जो खुद एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने हाल ही में घोषणा की कि उन्होंने अपने पति, जो एक कांस्टेबल हैं, को अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। विमला देवी ने अपने फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा, “मेरे पति मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और उनकी मौजूदगी मेरे लिए सुरक्षा का प्रतीक है। वह मेरी ताकत हैं और मुझे आत्म-संरक्षण की आवश्यकता है।”
विमला देवी का यह निर्णय उनके पति की सुरक्षा क्षमता और उनके आपसी संबंधों की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय व्यक्तिगत भरोसे और परिवार के भीतर के विश्वास पर आधारित है। “मेरे पति को अपनी नौकरी में पूरा विश्वास है और मुझे भी। वह मेरी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और मेरे साथ हर कदम पर खड़े रहेंगे। यह न केवल एक व्यक्तिगत निर्णय है, बल्कि यह हमारे रिश्ते की मजबूती और विश्वास का प्रतीक भी है,” उन्होंने कहा।
सांसद रंजीत कुमार ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “मेरी पत्नी का यह कदम हमारे परिवार की सुरक्षा और आपसी समझ को मजबूत करने का एक तरीका है। मेरे लिए, यह गर्व की बात है कि मेरी पत्नी और मैं एक-दूसरे के प्रति इतना विश्वास और समर्थन दिखा सकते हैं।”
इस फैसले ने स्थानीय राजनीति और समाज में चर्चा का विषय बना दिया है। कुछ लोग इसे परिवार के रिश्तों की मजबूती का एक उदाहरण मानते हैं, जबकि कुछ इसे सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील मुद्दा मान रहे हैं।
सांसद पत्नी के निजी सुरक्षाकर्मी के रूप में कांस्टेबल पति की नियुक्ति का यह मामला भारतीय समाज में पारंपरिक सुरक्षा व्यवस्थाओं के प्रति एक नई सोच और समर्पण को दर्शाता है। अब यह देखना होगा कि इस फैसले का व्यावहारिक पहलू और समाज पर इसके प्रभाव कैसे परिलक्षित होते हैं।
‘मेरे पति मेरी ताकत हैं. अब वो ड्यूटी के दौरान भी मेरे साथ रहेंगे. वे पहले भी मेरे साथ थे और अब भी मेरे साथ हैं. सांसद बनने के बाद भी कुछ नहीं बदला, बस काम बढ़े हैं लेकिन व्यवहार आज भी वही है. मैं आज भी अपने घर के सारे काम करती हूं और अपने बच्चों का ध्यान रखती हूं. सभी पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होती हूं.’
‘सभी सांसद व विधायकों को उनकी पसंद के अनुसार PSO दिया जाता है. संजना जाटव ने कप्तान सिंह को PSO लगाने के लिए पत्र भेजा था. कप्तान सिंह थानागाजी में तैनात हैं. उनको संजना जाटव का PSO लगाया गया है. वो अलग बात है कि कप्तान सिंह संजना जाटव के पति हैं.’