“केदारनाथ बादल फटने की घटना: केदारघाटी में मिला एक और शव, 1401 तीर्थयात्री सुरक्षित निकाले गए; अब तक 16 लोगों की मौत”

पिछले छह दिनों से केदारनाथ की ऊंचाई पर बाढ़ की वजह से उत्पन्न संकट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 31 जुलाई को केदारघाटी में बादल फटने की घटना के बाद से

केदारनाथ बादल फटने की घटना: राहत कार्य में जुटे जवान, अब तक 16 मौतें और 1401 तीर्थयात्री सुरक्षित

केदारनाथ, 31 जुलाई – पिछले छह दिनों से केदारनाथ की ऊंचाई पर बाढ़ की वजह से उत्पन्न संकट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 31 जुलाई को केदारघाटी में बादल फटने की घटना के बाद से, सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और पुलिस के जवान जीवन रक्षक राहत कार्य में जुटे हुए हैं।

घटना का विवरण

31 जुलाई को केदारघाटी में अचानक बादल फटने से भारी मात्रा में पानी और मलबा पैदल मार्ग पर आ गया, जिससे कई लोग फंस गए और बड़े पैमाने पर तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण पहाड़ी इलाकों में संचार और परिवहन बाधित हो गया, जिससे राहत और बचाव कार्य में कठिनाई आई।

राहत कार्य

सेना और अन्य बचाव दल के जवानों ने दिन-रात काम करके फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया। उनके प्रयासों के फलस्वरूप, सोमवार को 1401 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इन लोगों को केदारनाथ और उसके आसपास के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

मौतों की संख्या

मौजूदा स्थिति के अनुसार, केदारघाटी में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को एक और शव बरामद हुआ, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। शवों की पहचान और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया चल रही है।

चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा

राहत कार्य में सामने आई चुनौतियों में खराब मौसम, पहाड़ी रास्तों की कंडीशन और बड़े पैमाने पर मलबा शामिल हैं। इन बाधाओं के बावजूद, सेना और राहत कार्यकर्ता अडिग हैं और पूरे प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी फंसे हुए व्यक्ति को बिना सुरक्षित किए छोड़ा न जाए।

भविष्य में, प्रशासन ने पुनर्निर्माण और पुनर्वास की योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। आपदा से प्रभावित क्षेत्र की स्थिति को स्थिर करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी जुटी हुई है।

निष्कर्ष

केदारनाथ में बादल फटने की इस घटना ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के खतरों को उजागर किया है। राहत कार्य में लगे जवानों और आपदा प्रतिक्रिया दल के अथक प्रयासों से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है। इस संकट की घड़ी में, देशभर की भावनाएँ प्रभावित लोगों के साथ हैं और उम्मीद की जा रही है कि राहत और पुनर्वास कार्य तेजी से पूरा होगा।

Related Articles

Back to top button