“CAA को लेकर सख्त चेतावनी: असम के सीएम बोले, ‘2015 के बाद आए लोगों को लौटाया जाएगा उनके देश”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (15 जुलाई 2024) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर अहम जानकारी साझा की।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (15 जुलाई 2024) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि नियमों के अधिसूचित होने के चार महीने बाद राज्य में CAA के तहत केवल आठ लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
सरमा ने बताया कि कैसे CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों ने लोगों को डराने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि संशोधित कानून के तहत 50 लाख तक अवैध अप्रवासियों को नागरिकता मिल सकती है, लेकिन अब तक की वास्तविकता बहुत अलग है।
केवल 8 लोगों ने किया आवेदन, 2 ही आए इंटरव्यू के लिए
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “केवल आठ लोगों ने CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन किया है। उनमें से भी केवल दो ही इंटरव्यू के लिए आए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बंगाली हिंदू समुदाय के जो सदस्य राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में शामिल नहीं हैं, वे CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करेंगे। सरमा ने असम में नागरिकता के लिए कट-ऑफ वर्ष का जिक्र करते हुए कहा, “वे कहते हैं कि वे 1971 से पहले भारत आए थे।”
NRC की अपडेट लिस्ट में नहीं थे 19 लाख लोगों के नाम
असम ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) का काम किया, जिसकी सूची 2019 में आई थी। लगभग 19 लाख लोगों के नाम NRC की अपडेट की गई सूची में नहीं थे, जो नागरिकता साबित करती है। सरमा ने कहा, “मैंने कई लोगों से मुलाकात की है। वे हमें बता रहे हैं कि हम अपनी भारतीय नागरिकता के बारे में आश्वस्त हैं, हम इसे कानून की अदालत में साबित करना चाहते हैं। असम में लोगों के बीच यही आम भावना है।”
मामलों पर कुछ महीने के लिए लग सकती है रोक
यह पूछे जाने पर कि क्या असम में विदेशी न्यायाधिकरणों में मामले वापस लिए जाएंगे, मुख्यमंत्री ने कहा कि मामलों को कुछ महीनों के लिए रोकना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “विदेशी न्यायाधिकरण में कार्यवाही को दो-तीन महीने के लिए रोक दिया जाना चाहिए और लोगों को CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाना चाहिए।”
नागरिकता के लिए आवेदन करने की अपील
हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति (CAA के अनुसार) जो 2015 से पहले भारत आया है, उसे नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा। अगर वे आवेदन नहीं करते हैं, तो हम उनके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, “हम 2015 के बाद आए लोगों को निर्वासित करेंगे।”
विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 5 लोगों का भी किया जिक्र
असम में CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन पर सरमा ने कहा कि उनका मानना था कि संशोधित नागरिकता कानून के तहत कम से कम दो-तीन लाख लोग नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे, लेकिन अब तक केवल दो लोग साक्षात्कार के लिए आए हैं। उन्होंने 2019 में CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए पांच लोगों का भी जिक्र किया।