देश में तैयार हो रहे है अग्निवीरों से ही भिड़ गई BJP
दूरदर्शी विचारों के साथ 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना को लेकर शुरुआत से ही काफी विवाद खड़ा करने की कोशिशें की गई हैं। राजनीतिक दलों ने देश की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर भी चुनावी फायदे के लिए जमकर राजनीति की है। ऐसे में इस योजना के उन पहलुओं को समझना भी जरूरी है, जो हमारे सामने नहीं आ पाते।
दूरदर्शी विचारों के साथ 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना को लेकर शुरुआत से ही काफी विवाद खड़ा करने की कोशिशें की गई हैं। राजनीतिक दलों ने देश की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर भी चुनावी फायदे के लिए जमकर राजनीति की है। ऐसे में इस योजना के उन पहलुओं को समझना भी जरूरी है, जो हमारे सामने नहीं आ पाते।
केंद्र सरकार हर साल जो बजट पेश करती है, उसमें रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा होता है। रक्षा बजट में भारतीय सशस्त्र सेना से जुड़े सभी तरह के आवंटन शामिल होते हैं। सैन्य बजट में सैन्य कर्मियों की सैलरी, उनकी ट्रेनिंग पर आने वाले खर्च, उपकरणों की मरम्मत और रख-रखाव, रक्षा क्षेत्र में विकास और तमाम तरह की खरीद, हथियारों, वाहनों के निर्माण और खरीद आदि के खर्चे सब इसका हिस्सा होते हैं। चालू वित्त वर्ष का पूर्ण बजट इसी महीने 23 जुलाई, 2024 को आने की संभावना है। 1, फरवरी 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 5.94 लाख करोड़ रुपए का रक्षा बजट पेश किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक यह इससे एक साल के मुकाबले 13% अधिक का बजट था। मतलब, यह स्पष्ट है कि रक्षा के क्षेत्र में किसी तरह की कटौती का सरकार का कोई इरादा नहीं रहा है। इसी बजट में एक बात साफ तौर पर स्पष्ट की गई थी। इसके मुताबिक ‘बजट में बढ़ाए गए आवंटन से अग्निवीरों के लिए ट्रेनिंग में सहायक उपकरण और सिमुलेटर की भी व्यवस्था होगी। साथ ही साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अग्निवीर डिफेंस फोर्सेज में शामिल होने के लिए ट्रेनिंग के निर्धारित मानकों को हासिल कर सकें।’
केंद्रीय बजट 2023-24 में ही अग्निवीर कोष (Agniveer Fund) को एग्जेम्ट-एग्जेम्ट-एग्जेम्ट (EEE) का दर्जा भी दिया गया था। मतलब, अग्निवीर कोष पूरी तरह से टैक्स से मुक्त है। क्या है अग्निपथ योजना? 14 जून, 2022 को घोषित अग्निपथ योजना का उद्देश्य 17 से 21 वर्ष के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सेना (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) में भर्ती करना है। इन भर्तियों में से 25 प्रतिशत को अतिरिक्त 15 वर्षों के लिए सेवा में बनाए रखा जा सकता है। बाद में, सरकार ने ऊपरी उम्र सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है। अग्निवीरों को मुआवजा और इंश्योरेंस अग्निवीरों के सेवा के दौरान वीरगति को प्राप्त होने पर मुआवजे और इंश्योरेंस को लेकर काफी कुछ भ्रम फैलाया जा चुका है। जबकि, अग्निवीरों का 48 लाख रुपए का बीमा होता है, जिसका प्रीमियम सरकार भरती है। समान्य सैनिकों का 50 लाख रुपए का बीमा बैंक करते हैं। अग्निवीरों को सेना से ज्यादा अनुग्रह राशि! जहां तक अनुग्रह राशि की बात है तो ड्यूटी के दौरान शहादत देने वाले अग्निवीरों के परिजनों को 44 लाख रुपए मुआवजा दिया जाता है। सामान्य सैनिकों के लिए यह अनुग्रह राशि 25 से 45 लाख तक हो सकती है। इनके अलावा अग्निवीरों और अन्य सैनिकों को ऑपरेशन के दौरान होने वाले निधन पर अलग से 8 लाख लाख रुपए देने का भी प्रावधान है। अन्य वजहों से मौतों पर ढाई लाख रुपए दिए जाते हैं।
ड्यूटी के दौरान होने वाले निधन पर अग्निवीरों के परिजनों को उनके बाकी बचे पूरे सेवाकाल की पूरी सैलरी भी परिजनों को दी जाती है। अग्निवीर सेवा के दौरान दिव्यांग होते हैं तो क्या मिलता है? इनके अलावा सेवा निधि में जमा धन राशि सरकारी हिस्से के साथ ब्याज समेत परिजनों को दिए जाने का भी प्रावधान है। इसी तरह से कोई अग्निवीर अगर ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हो जाता है तो उसे भी 44 लाख (76% से 100%), 25 लाख (50% से 75%) और 15 लाख रुपए (20% से 49%) बतौर अनुग्रह राशि दी जाती है। अग्निवीरों को छुट्टी कितनी मिलती है? अग्निवीरों को साल में 30 दिन की छुट्टी और मेडिकल अवकाश दिए जाने का भी प्रावधान है। सेवा के दौरान उन्हें भी सैन्य अस्पतालों की सेवाएं मिलती हैं। उन्हें भी अन्य सैन्यकर्मियों की तरह सीएसडी की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सेवा पूरी होने के बाद स्किल सर्टिफिकेट कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें एक स्किल सर्टिफिकेट देने का प्रावधान है, जिसमें उनकी स्किल और अग्निवीर रहते हुए उन्होंने जिस क्षेत्र में महारत हासिल की है, उसका भी जिक्र रहता है। अग्निवीर चार साल बाद क्या करेंगे? सबसे ज्यादा चिंता इस बात को लेकर जताई जाती है कि जो 75% अग्निवीर चार साल बाद सशस्त्र सेना का हिस्सा नहीं बन सकेंगे, वे क्या करेंगे? जबकि, इसके बारे में सरकार की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है। इन्हें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स (CAPF), असम राइफल्स और अन्य पुलिस बलों के अलावा राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी।
अग्निवीरों को बड़ी कंपनियों का ऑफर! इसके अलावा बड़ी कंपनियां और उद्योगों की ओर से भी यह एलान किया गया है कि वे ‘सक्षम और शिष्ट’ अग्निवीरों को अपने यहां भर्तियों में तबज्जो देंगे। यही नहीं, जिन अग्निवीरों की दिलचस्पी उद्मी बनने की होगी, उन्हें बैंक लोन उपलब्ध करवाने में भी प्राथमिकता मिलेगी। अग्निवीरों की भविष्य की शिक्षा अगर कोई अग्निवीर चाहेगा कि आगे की पढ़ाई जारी रखें तो उसके पास 12वीं के बराबर का सर्टिफिकेट होगा, जिससे वह आगे अपनी पसंद का ब्रिजिंग कोर्स चुन सकता है। यह सब देखने के बाद अग्निवीरों का भविष्य सुनहरा लगता है। चार साल सेना में काम करना, उनके लिए रिजर्वेशन की एक पूरी शृंखला तैयार कर देता है। वह जहां भी इंटरव्यू देने पहुंचेंगे, वे अपने समान उम्र वालों से कहीं आगे होंगे। कोई भी कंपनी इन निखरे हुए जांबाजों की जगह दूसरों को क्यों लेंगे।