देश में आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून: जानें इनके प्रमुख प्रावधान
1 जुलाई 2024 से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं: भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)। ये कानून ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता
देश में आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून: जानें इनके प्रमुख प्रावधान
आइए 20 पॉइंट्स में समझते हैं इन कानूनों की खासियत:
1. *भारतीय न्याय संहिता (BNS)*: यह कानून अब 531 धाराओं में विभाजित है।
2. *177 धाराओं में बदलाव*: कई धाराओं को संशोधित किया गया है।
3. *9 नई धाराएं*: नए अपराधों और स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जोड़ी गई हैं।
4. *कम्युनिटी सेवा*: छह अपराधों में सजा के तौर पर कम्युनिटी सेवा का प्रावधान है।
5. *सज़ा की नई परिभाषाएँ*: अपराधों के लिए सजा का पुनर्निर्धारण किया गया है।
6. *कानूनी प्रक्रिया में सुधार*: आपराधिक मामलों में तेजी से निर्णय के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
7. *साक्ष्य की नई मान्यता*: डिजिटल और फॉरेंसिक साक्ष्य की मान्यता बढ़ाई गई है।
8. *महिला सुरक्षा*: महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त प्रावधान।
9. *बाल अपराध*: बाल अपराधों के लिए विशेष प्रावधान और सजा।
10. *साइबर अपराध*: साइबर अपराधों के लिए विस्तृत कानून।
11. *आर्थिक अपराध*: आर्थिक अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान।
12. *धार्मिक स्वतंत्रता*: धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले अपराधों पर सख्त सजा।
13. *मानवाधिकार*: मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में कठोर कार्रवाई।
14. *किसानों के अधिकार*: किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए नए प्रावधान।
15. *अनुसूचित जाति/जनजाति सुरक्षा*: एससी/एसटी सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान।
16. *बंदी प्रत्यक्षीकरण*: बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की प्रक्रिया में सुधार।
17. *मीडिया की स्वतंत्रता*: पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून।
18. *पर्यावरण संरक्षण*: पर्यावरणीय अपराधों के लिए सख्त प्रावधान।
19. *घरेलू हिंसा*: घरेलू हिंसा के मामलों में सख्त कार्रवाई।
20. *राष्ट्रीय सुरक्षा*: राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में विशेष प्रावधान।
ये कानून भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक हैं, जिनका उद्देश्य अपराधों के लिए सजा को स्पष्ट करना और न्याय प्रक्रिया को तेजी से और प्रभावी बनाना है