मुंबई से अहमदाबाद: Bullet Train

भारत में पहली बुलेट ट्रेन कब तक दौड़ेगी; इसमें देरी क्यों, बीकेसी स्टेशन की क्या है?

मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन मुंबई बीकेसी होगा। स्टेशन निर्माण के लिए काम करने वाली एजेंसी को 4.8 हेक्टेयर जमीन सौंप दी गई है। बीकेसी स्टेशन अंडरग्राउंड होगा, जहां से बुलेट ट्रेन अहमदाबाद के लिए रवाना होगी और यह 2027 तक बनकर तैयार होगा।

देश की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में गति लाने की कोशिशें जारी हैं। यह परियोजना 2022 तक ही पूरा होना थी पर इसमें विभिन्न कारणों से इसमें देरी हुई। अब इस परियोजना को 2027 तक पूरा करने की बात हो रही है। आइए जानते हैं देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना फिलहाल किस हालत में है? कितना काम पूरा हुआ है? कितना बाकी है और कब तक पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच दौड़ सकती है?

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के (एनएचएसआरसीएल) के अनुसार घनसोली में अतिरिक्त संचालित मध्यवर्ती सुरंग का काम पूरा होने से महाराष्ट्र में ब्रांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के काम में तेजी आई है। मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन मुंबई बीकेसी होगा। एनएचएसआरसीएल के अनुसार स्टेशन निर्माण के लिए काम करने वाली एजेंसी को 4.8 हेक्टेयर जमीन सौंप दी गई है। बीकेसी स्टेशन एक अंडरग्राउंड स्टेशन होगा, जहां से बुलेट ट्रेन अहमदाबाद के लिए रवाना होगी। यह स्टेशन 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा ऐसा अनुमान है।

एनएचएसआरसीएल से प्रोजेक्ट में हो रही देरी पर पूछे जाने पर एजेंसी ने बताया कि कई कारणों से देरी हुई है, जिसमें टेंडर (निविदा) की तारीख से लेकर जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामले शामिल हैं। बीकेसी स्टेशन के लिए टेंडर ही 2023 को जारी किया गया। अब इसे  सितंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अनुमान है कि मुंबई में बीकेसी स्टेशन साल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों के अनुसार हमारी पूरी कोशिश है कि हम अब परियोजना को तय किए गए समय से पहले ही पूरा करें। बीकेसी टर्मिनल का निर्माण एमईआईएल-एसीसी की ओर से किया जा रहा है, जो मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी का संयुक्त उद्यम है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च में दावा किया था कि बुलेट ट्रेन परियोजना 2026 में पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा था कि बुलेट ट्रेन की शुरुआती सेवाएं सूरत और बिलमोरा के बीच शुरू होंगी। निर्माण एजेंसी के अनुसार यह बात सही साबित हो सकती है क्योंकि 2021 में काम शुरू होने के बाद से मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के कार्य में लगातार प्रगति हो रही है।

21 किलोमीटर सुरंग का निर्माण
एनएचएसआरसीएल के अनुसार महाराष्ट्र के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के काम में तेजी आई है। एडीआईटी के लिए खुदाई का काम दिसंबर, 2023 को शुरू हुआ। जहां अभी तक 394 मीटर की पूरी लंबाई की खुदाई छह महीने में की गई। यह काम विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया। 26 मीटर गहरी झुकी हुई एडीआईटी से न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके लगभग 3.3 किमी लंबी सुरंग बनाना आसान हो जाएगा। यह लक्ष्य प्रत्येक तरफ लगभग 1.6 मीटर सुरंग बनाने के लिए एक साथ पहुंच प्रदान करके हासिल किया जाएगा।

बुलेट ट्रेन परियोजना में कुल 21 किलोमीटर सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इसमें से 16 किलोमीटर सुरंग बोरिंग मशीनों से खोदी जाएगी, जबकि शेष 5 किलोमीटर का निर्माण एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) से किया जाएगा। एडीआईटी निर्माण और संचालन दोनों के दौरान मुख्य सुरंग तक सीधे वाहनों की पहुंच प्रदान की जाएगी। एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह आपातकालीन स्थिति में निकासी मार्ग के रूप में भी काम कर सकता है।

Bullet train
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बुलेट ट्रेन का 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर
बुलेट ट्रेन 7 किमी अंदर समुद्र में चलेगी। इसमें 508 किमी के रूट में 351 किमी का हिस्सा गुजरात और 157 किमी का हिस्सा महाराष्ट्र से गुजरेगा। कुल 92 प्रतिशत यानी 468 किमी लंबा ट्रैक एलिवेटेड होगा। मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। इसमें 25 किमी का रूट सुरंग से गुजरेगा और 13 किमी का हिस्सा जमीन पर होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाईवे और 21 नदियों को पार करेगी। जबकि 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज का निर्माण होगा। अंडरग्राउंड होने की वजह से अन्य ट्रांस्पोर्टेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

परियोजना की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये
मुबई- अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये  है। इसमें 10 हजार करोड़ रुपये केन्द्र सरकार खर्च करेगी। महाराष्ट्र और गुजरात सरकार 5 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। बाकी की रकम जापान 0.1 प्रतिशत की ब्याज पर देगा।

पहली बुलेट ट्रेन 2026 में चलेगी
देश की पहली बुलेट ट्रेन 2022 तक चलाए जाने का लक्ष्य था। जमीन अधिग्रहण और टेंडर की देरी की वजह से अब इसके 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है। पहली बुलेट ट्रेन सूरत से बिलमोरा के बीच चलाने का लक्ष्य रखा गया है। यदि ऐसा होता है तो भारत उन 15 देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जहां हाईस्पीड ट्रेन का नेटवर्क है।

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