जाम ख़त्म करने वाला फ़ास्ट टैग ही बना गुरुग्राम में जाम लगने की वजह
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गुरूग्राम में फास्ट टैग हुआ अनिवार्य
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टोल प्लाजा पर गाडियों की लगी कतार
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फास्ट टैग नहीं तो पार नहीं होगा टोल
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कैश की बनाई गई 3 लाइन
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फास्ट टैग की 9 लाइन
देश भर में जहां फास्ट टैग को लागू किया गया है | वहीं फास्ट टैग मुसीबत भी बनता जा रहा है | हालांकि इसको लेकर टोल प्लाजा प्रबंधन की अपनी-अपनी दलीलें हैं | नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया है कि अब किसी तरह से कोई भी रियायत लोगों को नहीं दी जाएगी और फास्ट टैग पूरी तरह से अनिवार्य है।
रविवार से फास्ट टैग पूरी तरह से अनिवार्य किया गया तो सोमवार को एक लंबा जाम भी देखने को मिला | कल जाम के बाद आज मंगलवार को कुछ हद तक जाम से निजात मिली लेकिन फिलहाल जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, उससे टोल प्लाजा के ऊपर वाद विवाद भी लोग लगातार कर रहे हैं | जिससे टोल प्रबंधन को भी काफी दिक्कतें आ रही हैं और इन दिक्कतों का सामना आम जनता को सड़क पर जाम के रूप में करना पड़ता है क्योंकि जिस वाहन पर फास्ट टैग नहीं है, उसे दोगुना टैक्स देकर टोल प्लाजा से निकलने की अनुमति है | वहीँ लोग इस पर विवाद कर रहे हैं कि वो दोगुना टोल क्यों दें ? लोगों की शिकायत है कि वह फास्ट टैग के लिए अप्लाई कर चुके हैं लेकिन टोल के ढीले रवैया के कारण उन्हें फास्ट टैग है कि नहीं मिला।
15 दिसंबर से टोल पर फास्ट टैग शुरू हो गया है | जिसके बाद 15 दिसंबर को जाम लगा लेकिन उस दिन रविवार होने के चलते जाम थोड़ी देर का था | अगले दिन सोमवार था जिसमें करीब साडे 3 किलोमीटर लंबा जाम लगा था, लेकिन आज मंगलवार है और मंगलवार को वाहनों का ज्यादा लंबा जाम तो नहीं लगा लेकिन वाहन चालक परेशान नजर आए | काफी देर तक जाम में फंसे रहे और उसके बाद फास्ट टैग लेन से निकल पाए। लोगों का यह भी कहना है की फास्ट टैग इसलिए लगाए गए हैं कि लोग जाम में ना फंसे लेकिन फास्ट टैग लगने के बाद भी लोग जाम में परेशान हो रहे हैं और लोगों को काफी काफी देर जाम में फसना पड़ रहा है | जिससे उनका समय भी खराब होता है और पैसे भी
खेड़की दौला टोल प्लाज़ा के प्रोजेक्ट हैड राजेन्द्र सिंह भाटी का कहना है की 25 लेन टोल पर हैं | जिसमें से 6 लेन कैश की और 19 लाइन फास्ट ट्रैक की है लेकिन अभी लोग पूरी तरह से जागरूक नहीं है | कुछ लोग कैश वाले भी फास्टट्रैक की लाइन में गाड़ियां घुसा देते हैं | जिसकी वजह से भी जाम की स्थिति बन जाती है, उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को खुद ही जागरूक होना पड़ेगा | जिससे वाहनों की कतार ना लगे फास्ट टैग वाले सिर्फ फास्ट टैग में ही अपनी गाड़ियां लगाए ताकि वह जल्दी से निकल पाए और कैश देने वाले सिर्फ कैश की ही लाइन में अपनी गाड़ी को ले जाएं | हालांकि आसपास के 31 गांव का टोल बिल्कुल फ्री है उनके लिए भी उन्होंने कहा कि आसपास के जो लोग हैं | वह अपने टोल फ्री कराने के लिए संबंधित कागजात टोल कार्यालय में जमा कराएं और अपना फास्ट टैग लेकर जाएं | जिससे उन्हें भी कोई दिक्कत ना आए। इसके साथ साथ प्रोजेक्ट हेड ने यह भी कहा कि कई लोगों ने प्राइवेट बैंकों से या प्राइवेट किसी टैग की कंपनी से अपने टैग लगवाए हैं जो प्रॉपर रिचार्ज नहीं है या साफ नहीं है | जिससे टोल पर आने पर टोल मशीन उन्हें स्कैन नहीं कर पाती जिसकी वजह से गाड़ी वहीं रुक जाती है और पीछे जाम की स्थिति बन जाती है | तो उन लोगों को भी अपने टैग को सुचारू रूप से या तो नया लगवाना चाहिए या फिर जिस कंपनी से लगवाया उस कंपनी से कहना चाहिए कि इसको सही करें।