जब जब भाजपा को बिहार से भगाते हैं तो पुराना खेल भाजपा दिखाती है: तेजस्वी यादव
महागठबंधन देश के हित के लिए है।
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं। उन पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में गिरफ्तारी का खतरा भी मंडरा रहा है। और इस बीच बिहार की राजनीति में एक और बड़ा भूचाल आ चुका है कि इस महागठबंधन के जरिए तेजस्वी यादव किसी भी वक्त बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं ।
यही नहीं आज मीडिया से बातचीत करते दौरान उन्होंने कहा पूरे तरीके से इनकी जो बीजेपी की सेल टीम है वह काम करना शुरू करेंगी। पहला जो चार्जशीट था वो 17 में हुआ था, अब 17 से 23 हो गया 6 साल तक एजेंसियां कहां थी। यह बात पुरे देश को पता है की जब जब हम भाजपा को हराते हैं, बिहार से भगाते हैं तब एजेंसियों का दुरुपियोग शुरू हो जाता है। सामान्य पत्रकारों के घर में भी छापे पड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में एनडीए सरकार का पार्ट हो गए तो वे भ्रष्टाचारी नही है, उनके घर पर छापे नही पड़ रहे हैं।
एजेंसियों का खेल बीजेपी का पुराना खेल है जिससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस केस में कोई दम नहीं है, यह सिर्फ न्यूज़ मेकिंग, और टीआरपी के लिए इमेज को बदनाम करने की साजिश है। जितना बीजेपी ये काम करेगी उतना ही बिहार की जनता उसे जवाब देगी, दिया था और देती रहेगी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सरकार खूब बढ़िया तरीके से चल रहा है, इस महागठबंधन को इसीलिए बनाया गया है की देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाया जा सके। यह गठबंधन लोगों के कल्याण के लिए बनाया गया है। गठबंधन का मुख उद्देश्य यह था की हम देश भर में घूम घूम के विपक्ष को जनहित के लिए एकजुट करें।
भाजपा के लोगों में गठबंधन से डर और बैचैनी है, भाजपा के लोग लालू प्रसाद यादव से डरते हैं। बीजेपी के प्रवक्ता की तरह कुछ मीडिया एजेंसियां यह प्रोपेगेंडा फैला रही हैं की गठबंधन में कुछ ठीक नहीं है। बीजेपी का काम सिर्फ झूठ बोलना है इसका मतलब ही बढ़ता झूठा पार्टी है। मीडिया हाउस चाहते हैं कि महागठबंधन टूट जाए, लेकिन ऐसा होना वाला नहीं है।
नीतीश जी और लालू जी लोहिया जी के शिष्य रहे हैं, यह बीजेपी के लोगों से डरने वाले नही हैं। अभी तो हम लोग ऑपरेशन शुरू ही नही किए हैं। हम अभी खुद एकजुट हो रहें हैं, जब एकजुट होकर बीजेपी का सर्जरी किया जाएगा तब बीजेपी के लोग कहां कहां फिकाएंगे पता नहीं है।