जामिया पर जमकर राजनीति, जेएनयू और कांग्रेस से लेकर अल्पसंख्यक आयोग तक एक्शन में, आप पर आरोप!
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली में जहाँ एक तरफ माहौल चिंताजनक हो गया है, वहीँ इस मामले पर राजनीति की रोटियां भी खूब सेकी जा रही हैं। रविवार को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के चलते सभी पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साधने में लगी हैं। बता दें कि जामिया और जेएनयू के बच्चों ने रविवार रात 9 बजे से दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन किया।
इस दौरान रात 11.30 बजे कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली पुलिस की कार्यवाही के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहराया। वहीँ रात तकरीबन 12 बजे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे। इसके साथ ही, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कालकाजी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निर्देश दिया कि वो हिरासत में लिए जामिया के छात्रों को रिहा करें।
इसके साथ ही आयोग ने छात्रों को इलाज के लिए अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर छात्रों को लेकर किसी भी तरह की कोई दिक्कत सामने आती है, तो इसके लिए एसएचओ व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे। इसके बाद कालकाजी पुलिस स्टेशन में बंद जामिया के सभी 35 छात्रों को रिहा कर दिया गया। इसके साथ ही न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना से भी हिरासत में लिए छात्रों को छोड़ दिया गया।
आम आदमी ने भड़काई जनता ?
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के एक नेता पर उंगली उठाई है। बीजेपी दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। हालाँकि नेता अमानतुल्लाह खान ने इसपर कहा कि वो इस प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि मेरा उस हिंसा में कोई हाथ नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि वे जामिया यूनिवर्सिटी के इलाके में ही नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि पुष्टि के लिए पुलिस चाहे तो सीसीटीवी कैमरा देख सकती है।