बिजली की खपत बढ़ी

नई दिल्ली। सर्दियों के बाद सीधे गर्मी पड़ने से देश में बिजली की खपत बढ़ गयी है। पिछले तीन महीने से देश में प्रति दिन औसतन 200 गीगावाट बिजली से ज्यादा बिजली की खपत हो रही है।
बिजली की खपत बढ़ने से कोयले की मांग बढ़ गयी है। जरूरत के लिए पूरी बिजली देने के लिए कंपनियों पर अगले तीन माह तक उत्पादन बढ़ाने का दबाव है। दरअसल, कोल इंडिया सहित अन्य कंपनियों से करीब 900 मिलियन टन कोयला उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन करीब 881 मिलियन टन कोयले का ही उत्पादन हुआ। हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, ताकि बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो।

मार्च में घटी मांग
देश में पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 के आखिरी महीने यानी मार्च में बिजली की खपत घटी थी। आंकड़े बताते हैं कि मार्च, 2023 में बिजली की खपत 0.74 फीसदी घटकर 127.52 अरब इकाई पर पहुंच गई थी।
31 महीने ऐसा पहली बार हुआ, जब बिजली की खपत घटी। इससे पहले अगस्त, 2020 में खपत में कमी आई थी। बिजली की खपत में कमी का प्रमुख कारण देश में पश्चिमी विक्षोभ से भारी बारिश होना रहा, जिसके कारण मार्च में तापमान कम रहा।

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