देश के बुजुर्गों को एक छत के नीचे मिलेगी जांच और इलाज की सुविधा
नई दिल्ली। देश में राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र का आंशिक संचालन शुरू हो गया है, जिसमें ओपीडी सेवा की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना से एक छत के नीचे बुजुर्गों की जांच होने के साथ-सात उनका इलाज भी यहीं हो सकेगा। संस्थान के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने इसकी शुरुआत की। अब इस केंद्र में जेरियाट्रिक मेडिसिन, ओपीडी सेवा मिलेगी। फिलहाल इस केंद्र की ओपीडी में जेरियाट्रिक मेडिसिन के अलावा आर्थोपेडिक, कार्डियोलाजी, रुमेटोलाजी, इंडोक्रिनोलाजी, सर्जरी, पीएमआर (फिजिकल मेडिकल रिहैबिलिटेशन), न्यूरोलाजी व मनोचिकित्सा विभाग के डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे, लेकिन जल्द ही ओपीडी सेवा का विस्तार होगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली व चेन्नई में दो राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र शुरू करने की पहल की थी। 29 जून, 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम्स में देश के पहले राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र के निर्माणकार्य का शिलान्यास किया था, जो अब शुरू हो चुका है।
दरअसल, जीवन प्रत्याशा दर में बढ़ोतरी के साथ ही बुजुर्गों की आबादी भी बढ़ रही है। साल 2011 में देश में बुजुर्गों की आबादी लगभग 10.4 करोड़ थी, जो वर्ष 2021 में बढ़कर करीब 13 करोड़ 80 लाख होने का अनुमान है। साल 2031 तक देश में बुजुर्गों की आबादी करीब साढ़े पांच करोड़ और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में उनके इलाज के लिए जरूरी संसाधनों का होना भी जरूरी है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह केंद्र शुरू किया गया है।
हालांकि इस केंद्र को लगभग 330 करोड़ रुपये की लागत से फरवरी, 2020 तक ही बना देने की योजना थी, लेकिन साल 2020 में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने के चलते इसके निर्माण में देरी हुई थी। हालांकि यह केंद्र एक वर्ष से बनकर तैयार था, लेकिन चिकित्सा सामानों की खरीद और डॉक्टरों की नियुक्ति में देरी होने और कर्मचारियों की कमी के चलते इसे अब जाकर शुरू किया जा सका है।