आम आदमी पार्टी पर लगातार बन रहा है प्रेशर, –अरविंद केजरीवाल
दिल्ली– सीबीआई ने दिल्ली की रद्द हो चुकी आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। और सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। सिसोदिया से एजेंसी ने करीब 8 घंटे पूछताछ करने के बाद जांच में सहयोग न करने और मामले से जुड़े सबूत नष्ट करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
सिसोदिया के खिलाफ सबूतों को मिटाने के अलावा आईपीसी की धारा 120-बी और खातों में हेरफेर और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सहित विधिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
दिल्ली में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से सरकार बनाने के बाद केजरीवाल सरकार 2020 में विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई, जिसे नवंबर 2021 से लागू कर दिया गया। सरकार ने नई शराब नीति को लागू करने के पीछे 4 प्रमुख तर्क दिए थे ।जिसमें दिल्ली में शराब माफिया और कालाबाजारी को समाप्त करना, दिल्ली सरकार के राजस्व को बढ़ाना, शराब खरीदने वाले लोगों की शिकायत दूर करना और हर वार्ड में शराब की दुकानों का समान वितरण करना।
नई शराब नीति के तहत दिल्ली सरकार ने जो मुख्य फैसले लिए उसके अंतर्गत पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 वेंडर रखने का प्रस्ताव था। इसके आधार पर नई शराब नीति के तहत केजरीवाल सरकार ने फैसला किया कि दिल्ली सरकार अब शराब बेचने का काम नहीं करेगी और शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होगी इसलिए हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई। दिल्ली सरकार ने दावा किया कि इससे शराब दुकान के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान और सहज किया गया है।
दिल्ली सरकार का संचालन मनीष सिसोदिया के ही हाथ में था। दिल्ली सरकार के 33 विभागों में से वित्त, शिक्षा और गृह सहित 18 विभाग सिसोदिया संभाल रहे थे। वो एक तरह से कार्यवाहक सीएम के बतौर कार्य कर रहे थे। अब सिसोदिया के जेल जाने के बाद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्त विभाग की है, क्योकि जल्द बजट पेश होना है।इसका कारण ये है कि सत्येन्द्र जैन की तरह अभी सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दिल्ली शराब घोटाले में सिसोदिया का एक सहयोगी और बड़े व्यापारी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गये है। पिछले हफ्ते अरोड़ा को दिल्ली की एक अदालत से बेल मिल गई थी, जिसका सीबीआई ने विरोध नहीं किया था।