अडानी ग्रुप को फिर लगा और एक बड़ा झटका..
रायपुर–जिस तरह से अडानी ग्रुप पिछले कुछ समय से विवादो में है उसके बाद कंपनी के भीतर कई बड़े फैसले लिए गए हैं। पहले कंपनी ने 20 हजार करोड़ रुपए के एफपीओ को वापस लिया, उसके बाद कंपनी ने अब डीबी पॉवर के अधिग्रहण से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। दरअसल अडानी ग्रुप 7017 करोड़ रुपए में डीबी ग्रुप के अधिग्रहण की तैयारी कर रहा था, लेकिन बुधवार को इसकी अंतिम तारीख खत्म हो गई और यह अधिग्रहण बिना पूरा हुए ही खत्म हो गया।
दरअसल अडानी ग्रुप अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर की नए सिरे से समीक्षा कर रहा है।अडानी ग्रुप के शेयर में आई बड़ी गिरावट के बाद कंपनी ने अपने कैपेक्स पर कुछ हद तक नियंत्रण की कोशिश शुरू कर दी है। अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जिस तरह से पिछले महीने 24 जनवरी को सामने आई थी उसके बाद से कंपनी लगातार अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है।
इस रिपोर्ट में आरोप लगाए गए हैं कि अडानी ग्रुप ने कई फर्जी कंपनियों के जरिए अपने शेयर के दाम को बढ़ाया है। हालांकि अडानी ग्रुप की ओर से इन आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है और इसे झूठा बताया गया है।
बता दें कि अडानी पॉवर ने डीबी पॉवर ग्रुप को खरीदने के लिए 18 अगस्त 2022 को समझौता किया था, इस डील को 31 अक्टूबर 2022 तक पूरा होना था। लेकिन इसकी डेडलाइन को आगे बढ़ाया गया था। डीबी पॉवर के पास 1200 मेगावाट का कोल फायर पावर प्लांट है, यह छत्तीसगढ़ के जंगीर चंपा में स्थित है। इसकी कुल इंटरप्राइज कीमत और कर्ज की बात करें तो यह 7017 करोड़ रुपए है।