आज की रात अडानी नही सो पाएंगे कल तय हो भारत का भविष्य।
अडानी ग्रुप में निवेश करने वाली जिन तीन कंपनियों के खाते फ़्रीज़ जाने की ख़बर आई तो भारत में तो हड़कंप मच गया आखिर मचता ही क्यों न क्योंकि खबर ही इतनी बड़ी थी। क्यों ना वो तीनों मॉरीशस स्थित फ़ंड्स अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपएमएस इन्वेस्टमेंट फंड हैं। इन तीनों फ़ंड्स के पास अडानी ग्रुप की चार कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपए से ज़्यादा के शेयर हैं।
हालाँकि अडानी ग्रुप ने इन ख़बरों को ख़ारिज किया था और इस सिलसिले में NSDL को मेल किया।NSDL के उपाध्यक्ष राकेश मेहता ने कहा भी कि अडानी ग्रुप के शेयरों के सबसे बड़े ख़रीदारों में शुमार तीनों फ़ॉरेन फ़ंड्स ऐक्टिव हैं, लेकिन तब तक डैमेज हो चुका था। दिन ख़त्म होते-होते शेयरों की हालत सुधरी भी, लेकिन वो नुक़सान के आगे बहुत कम थी।इस गिरावट से सबसे ज़्यादा नुक़सान किसे हुआ है। इस सवाल पर वैल्यू रिसर्च के CEO धीरेंद्र कुमार बताते हैं इससे सबसे ज़्यादा नुक़सान ट्रेडर्स का हुआ है। अडानी का अपना होल्डिंग है। इसलिए ये नहीं कह सकते कि उन्हें भारी नुक़सान हुआ है। ये छोटे वक़्त के लिए निवेश करने वाले लोगों का नुक़सान है और लोगों के लिए एक वेकअप कॉल भी है।