जजों के चयन पर सरकार की चिट्ठी को लेकर क्यों भड़क गए सुब्रमण्यम स्वामी ?
नई दिल्ली। हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर ट्विट करके केंद्र सरकार को असहज कर दिया है। इस बार जजों के चयन को लेकर केंद्र सरकार की चिट्ठी पर उन्होंने सवाल उठाया है।
सोमवार को सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था या चीनी आक्रामकता को ठीक करने में असमर्थ है, लेकिन न्यायाधीशों के रूप में वफादार डमी नियुक्त करने का अधिकार मांगने के अलावा और कुछ नहीं के लिए सुप्रीम कोर्ट को निशाने पर ले रही है। इसे शासन कहते हैं या दादागिरी?
Modi government is unable to fix the economy or Chinese aggression but is taking on SC for nothing more that seeking the right to appoint loyal dummies as Judges. Is this called governance or dadagiri?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 16, 2023
इस ट्विट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया भी दीं। एक यूजर ने लिखा कि लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही कायम रखने प्रयास हो रहा है चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर पूर्ण नियंत्रण के बाद तानाशाही के रास्ते में दो बाधाएं बचती है,मीडियाऔर न्यायपालिका। मीडिया को गोद में कर गोदी मीडिया बना दिया बस एक न्यायपालिका बची है जो घोषित या अघोषित तानाशाही के बीच खड़ी है!
ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के साथ हाईकोर्ट्स के जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम फैसले करता है। लेकिन फिलहाल इसे लेकर विवाद चल रहा है। इसे सरकार से सुप्रीम कोर्ट के टकराव के तौर पर देखा जा रहा है। कई पूर्व जस्टिस सरकार के दखल के बेमतलब का बता चुके हैं। वहीं कानून मंत्री किरेन रिजेजु कई मर्तबा कह चुके हैं कि न्यायपालिका में नियुक्ति सरकार के पास होनी चाहिए।