सरकार ने किया साफ, कहीं नहीं फंसी है गंगा विलास क्रूज
गंगा विलास क्रूज के छपरा में फंसने की खबर में कोई सच्चाई नहीं: मंत्रालय
नई दिल्ली। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने गंगा विलास क्रूज’ बिहार के छपरा में फंसने की खबर को पूरी तरह से नकार दिया है। मंत्रालय के अनुसार नियोजित यात्रा कार्यक्रम के अनुसार पर्यटकों ने किले के खंडहरों को देखने के लिए डोरीगंज सहित रास्ते में आने वाले स्थलों का भी दौरा किया। पर्यटकों को उनकी सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए टग बोट का उपयोग करके जहाज से बैंक तक ले जाया गया। डोरीगंज में जलमार्ग का ड्राफ्ट 1.4 मीटर के पोत ड्राफ्ट की आवश्यकता से 3.5 मीटर अधिक है। मंत्रालय के अनुसार जहाज के छपरा में फंसने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है।
मंत्रालय के अनुसार गंगा विलास क्रूज 13 जनवरी को गाजीपुर, 14 जनवरी को बक्सर और 15 जनवरी को मौजमपुर (आरा) में एंकरिंग करते हुए क्रूज जहाज अपने शेड्यूल के अनुसार रवाना हुआ। 16 जनवरी को डोरीगंज में रुकने के बाद क्रूज शाम को 16 जनवरी को पटना पहुंचा।
कांग्रेस ने गंगा क्रूज विलास पर सवाल उठाया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह क्रूज अमीरों के भ्रमण के लिए बनाया गया है। इस क्रूज से यात्रा करने के लिए 50 हजार रुपये प्रति रात चुकाना होगा। रमेश ने कहा कि इस क्रूज के संचालन से गंगा डॉल्फिन के अस्तित्व पर खतरा है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से गंगा नदी में क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह यात्रा बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगी। क्रूज 51 दिनों की यात्रा तय कर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।